टैकनोलजी

पानी में लगाएगा गोते, गहराई मापने में आएगा काम, इस देश ने तैयार किया हाईटेक ड्रोन

POV-DA Drone : जापान अपनी एडवांस टेक्नोलॉजी को लेकर दुनिया भर में फेमस है. जापान में बनाए गए प्रोडेक्टस का सभी लोहा मानते हैं. अब इसी कड़ी में दो जापानी कंपनियों ने एक ऐसा खास ड्रोन बनाया है, जोकि पानी से टेक ऑफ और लैंडिंग दोनों कर सकता है. इस ड्रोन का नाम पेंटा-ओशन वैनगार्ड-ड्रोनएक्वा (POV-DA) है. इसे दो जपानी कंपनी पेंटा ओशन कंस्ट्रक्शन और प्रोड्रोन कंपनी लिमिटेड ने मिलकर बनाया है. POV-DA ड्रोन को आसानी से पानी में भी कंट्रोल किया जा सकता है. इसके अलावा भी इसमें और भी कई सारी खूबियां हैं. 

क्या खास है इस ड्रोन में 

रिपोर्ट्स के मुताबिक POV-DA का यूज महासागरों में सर्वे ड्रोन के तौर पर किया जाएगा. ड्रोन को सैटेलाइट सिस्‍टम से भी लेस किया गया है. इसकी मदद से  पानी की गहराई, उसकी लहरों को ऑब्‍वर्ज किया जाएगा. POV-DA की मदद से ऑपरेटर्स को इलाके का रियल टाइम डेटा तो मिलेगा ही इसके साथ ही में निगरानी भी की जा सकेगी. 

इस खास ड्रोन की मदद से ऑपरेटर को पानी में नहीं जाना होगा, वो जमीन पर रहकर ड्रोन को रिमोट के जरिए कंट्रोल कर सकेगा. ड्रोन में पानी की गहराई मापने वाला इंस्‍ट्रूमेंट और थ्रस्‍टर्स भी लगाए गए हैं. ये ड्रोन समुद्री इलाके में खुद को समुद्र की लहरों से बचाने में सक्षम हैं. 

रिपोर्ट्स की माने तो POV-DA का यूज पानी के नीचे होने वाले कंस्‍ट्रक्‍शन में किया जाएगा. इसके अलावा कंस्‍ट्रक्‍शन साइट पर किसी भी परिस्थिती में लोगों को अलर्ट करेगा. आसान भाषा में कहें तो इस ड्रोन की मदद से पानी में हो रहे कामों पर नजर रखी जा सकेगी. इसकी मदद से हवाई शॉट्स भी लिए जा सकेंगे. 

POV-DA की कीमत

फिलहाल के लिए ये बात अभी तक सामने नहीं आई है कि इस खास ड्रोन की कीमत कितनी होगी और इसका प्रोडेक्शन कब से शुरु होगा. ड्रोन की खूबियां देखकर इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में इसका यूज करके पानी में होने वाले कई सारे कामों में इंसानों को मदद मिलेगी और समय के साथ इसे अपडेट किया जाएगा.  

ये भी पढ़ें-

Jio vs Airtel: अनलिमिटेड कॉलिंग के साथ मिलेगा डेली डेटा, जानिए 199 रूपये में किसका प्लान है बेस्ट

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button