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जब सलमान खान ने रणबीर को सरेआम जड़ा था थप्पड़, पब में ऋषि कपूर के बेटे का एटीट्यूड देख बिफर पड़े थे भाईजान

बॉलीवुड एक्टर सलमान खान (Salman Khan) को लेकर कहा जाता है कि जब भाईजान किसी से दुश्मनी लेते हैं तो उसे आखिर तक निभाते हैं। सलमान अपने दुश्मन को पूरी तरह से बर्बाद कर देते हैं। विवेक ओबेरॉय संग सलमान खान की दुश्मनी तो काफी फेमस हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं रणबीर कपूर संग सलमान खान का पंगा भी पुराना है। रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि रणबीर (Ranbir Kapoor) और सलमान के बीच कटरीना कैफ की वजह से दुश्मनी हुई थी। लेकिन बता दें कि दोनों की दुश्मनी की शुरुआत रणबीर के बॉलीवुड डेब्यू से पहले शुरू हुई थी। केवल इतना ही नहीं एक पार्टी के दौरान सलमान खान ने रणबीर को सरेआम जोरदार थप्पड़ भी जड़ दिया था।

पब में सरेआम सलमान खान ने रणबीर को जड़ा था थप्पड़

रणबीर कपूर के बॉलीवुड डेब्यू से पहले एक पब में सलमान खान संग उनकी मुलाकात हुई थी। पब में रणबीर कपूर अपने दोस्तों के साथ एक पार्टी के लिए पहुंचे थे। इस पार्टी में एक्टर सलमान खान भी शामिल हुए थे। इस पार्टी में सलमान खान संजय दत्त के साथ आए थे। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पार्टी के दौरान रणबीर और सलमान खान आपस में बातचीत कर रहे थे। इस बातचीत के दौरान दोनों के बीच बहस छिड़ गई और ये मामला इतना गर्म हो गया कि सलमान खान अपना आपा खो बैठे और उन्होंने गुस्से में रणबीर को थप्पड़ जड़ दिया। वहीं रणबीर सलमान खान के इस व्यवहार से इतना बौखला गए थे कि वह उसी वक्त पार्टी छोड़कर चले गए थे।

सलीम खान ने मांगी थी ऋषि कपूर से माफी

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस घटना के बाद सलमान खान के पिता सलीम खान ने रणबीर कपूर के पिता ऋषि कपूर से माफी भी मांगी थी। भले ही यह किस्सा वहीं के वहीं खत्म हो गया हो लेकिन जब सलमान खान और रणबीर कपूर के बीच कटरीना कैफ की एंट्री हुई तो दोनों के बीच ये कोल्ड वॉर फिर से शुरू हो गया। एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री और टीवी न्यूज की पल पल की अपडेट जानने के लिए बने रहे बॉलीवुडलाइफ के साथ। Also Read – सलमान खान से पक्की दुश्मनी निभा रहा है लॉरेंस बिश्नोई, अब एक्टर के दोस्तों को निशाना बना रहा गैंगस्टर

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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