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WhatsApp पर HD फोटो-वीडियो भेजने वालों की मौज, इस नये फीचर से सब होगा आसान

WhatsApp Latest Feature: वॉट्सऐप पर आए दिन नये फीचर देखने को मिलते रहते हैं. इसी कड़ी में वॉट्सऐप पर एक और नया फीचर आया है, जो आपको एक नया एक्सपीरियंस देगा. इस फीचर में  एचडी क्वालिटी में फोटो और वीडियो भेजने वाले यूजर्स को काफी सुविधा मिलने वाली है. इस फीचर को एंड्रॉयड और आईओएस दोनों के लिए को रोलआउट किया जाएगा. अब यूजर्स को वॉट्सऐप सेटिंग में बदलाव करने का ऑप्शन दिया जाएगा, इससे आपको बार-बार फोटो की क्वालिटी सेट नहीं करनी होगी.

क्या है फीचर में नया?

मौजूदा वॉट्सऐप फीचर में यूजर्स को एचडी क्वालिटी में फोटो या वीडियो भेजने का ऑप्शन मिलता है. इसमें आपको हर बार एचडी के लिए सेलेक्ट करना होगा, लेकिन नये फीचर के आने के बाद आपको बार-बार यह चीज नहीं करनी होगी. इसमें आप अपने हिसाब से फोटो की क्वालिटी भी डिसाइड कर पाएंगे. इसका मतलब यह है कि आप अपने हिसाब से यह तय कर पाएंगे कि आपको हर बार फोटो और वीडियो की क्वालिटी एचडी में ही चाहिए. 

सेटिंग में जाकर करना होगा ये काम

वॉट्सऐप से भेजे जाने वाले सारे फोटो और वीडियो को HD क्वॉलिटी में भेजने के लिए आपको सेटिंग में जाकर HD क्वॉलिटी सेलेक्ट करना है. इसके बाद सारे वॉट्सऐप फोटो और वीडियो एचडी क्वॉलिटी में जाएंगे. वॉट्सऐप का यह एचडी फीचर काफी पुराना नहीं है बल्कि पिछले साल ही लाया गया था. हालांकि अब इसमें बदलाव किया जा रहा है. इसमें यूजर्स वीडियो और फोटो को 480 पिक्सल से 720 पिक्सल में भेज पाएंगे. इसके साथ ही वॉट्सऐप से 64MB के वीडियो को शेयर किया जा सकेगा. 

अभी तक वॉट्सऐप के इस नये फीचर को अभी रोलआउट नहीं किया गया है. इस नए फीचर को एंड्रॉइड के साथ आईओएस दोनों यूजर्स के लिए रोलआउट किया जाएगा. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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