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विवेक ओबेरॉय ने की बिश्नोई समाज की तारीफ, बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद पुराना वीडियो वायरल

Vivek Oberoi Once Praised Bishnoi Community: 12 अक्तूबर को मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. उनकी हत्या की जिम्मेदारी सलमान खान के दुश्मन लॉरेंस बिश्नोई ने ली है. बाबा सिद्दीकी सलमान खान के बेहद करीबी थी. ऐसे में उनकी हत्या के तार सलमान और लॉरेंस बिश्नोई की दुश्मनी से जुड़ते दिख रहे हैं. इस बीच एक्टर विवेक ओबेरॉय का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वे बिश्नोई समाज की तारीफ करते दिख रहे हैं.

विवेक ओबेरॉय का ये वायरल वीडियो पिछले साल फरवरी का है जब वे दुबई में हुए एक इवेंट में पहुंते थे. वीडियो में विवेक कहते हैं- ‘गूगल पर बिश्नोई समुदाय को खोजने की कोशिश करें. ऐसा सीन आपको दुनिया भर में नहीं मिलेगा. हमारे घर समेत हर घर में हम बच्चों को गाय का दूध पिलाते हैं.’ 


विवेक ओबेरॉय ने की बिश्नोई समाज की तारीफ
एक्टर आगे कहते हैं- ‘पूरी दुनिया में सिर्फ एक ही समुदाय है- बिश्नोई समुदाय, जहां अगर किसी हिरण के बच्चे की मां मर जाती है, तो बिश्नोई माएं उसे अपनी गोद में ले लेती हैं और उसे दूध पिलाती हैं जैसे वे अपने बच्चों को पिलाती हैं. ये आपको दुनिया में कहीं और नहीं मिलेगा.’ सोशल मीडिया पर विवेक ओबेरॉय के इस वीडियो पर यूजर्स जमकर रिएक्ट कर रहे हैं. एक शख्स ने लिखा, ‘दुश्मन का दुश्मन लॉरेंस का दोस्त.’ दूसरे ने लिखा- ‘वो अपना बदला ले रहा है. ‘

विवेक ओबेरॉय ने बिश्नोई समाज की तारीफ में पढ़ें कसीदे, बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद एक्टर का पुराना वीडियो वायरल

विवेक ओबेरॉय और सलमान खान की दुश्मनी
बता दें कि सलमान खान को जान से मारने की धमकी देने वाले गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का ताल्लुक बिश्नोई समाज से है. वहीं विवेक ओबेरॉय के साथ सलमान खान की दुश्मनी भी जगजाहिर है. 2003 में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विवेक ने सलमान खान पर ऐश्वर्या राय के साथ उनके रिश्ते की वजह से उन्हें धमकी देने का आरोप लगाया था. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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