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बजट से अब इंचभर दूर राजकुमार राव की फिल्म, तीसरे शनिवार ‘जिगरा’ ने पकड़ी रफ्तार, देखें कलेक्शन

VVKWWV VS Jigra Collection Day 16: ‘विक्की विद्या का वो वाला वीडियो’ और ‘जिगरा’ एक साथ सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. दोनों फिल्में 11 अक्टूबर को पर्दे पर आई और अब इन्हें रिलीज हुए 16 दिन हो गए हैं. राजकुमार राव और तृप्ति डिमरी की ‘विक्की विद्या का वो वाला वीडियो’ हो या आलिया भट्ट की ‘जिगरा’, दोनों ही फिल्में तीसरे हफ्ते में चंद लाख कमाने के लिए जद्दोजहद करती दिख रही है. हालांकि तीसरे शनिवार दोनों फिल्मों का कलेक्शन बढ़ा है.

सैकनिल्क के मुताबिक ‘विक्की विद्या का वो वाला वीडियो’ ने पहले हफ्ते 27 करोड़ और दूसरे हफ्ते 10.15 करोड़ रुपए कमाए थे. तीसरे शुक्रवार फिल्म का कलेक्शन महज 65 लाख रहा. वहीं अब शनिवार (16वें दिन) ‘विक्की विद्या का वो वाला वीडियो’ के कलेक्शन में इजाफा हुआ और इसने भारत में 1.20 करोड़ रुपए का कारोबार किया.


तीसरे शनिवार फिर बढ़ी ‘जिगरा’ की कमाई
‘जिगरा’ के कलेक्शन की बात करें तो पहले दिन से ही फिल्म बॉक्स ऑफिस पर स्लो है. पहले हफ्ते आलिया भट्ट और वेदांग रैना की फिल्म का कलेक्शन 22.45 करोड़ रुपए रहा. दूसरे हफ्ते फिल्म ने 6.85 करोड़ कमाए, जबकि तीसरे शुक्रवार को 40 लाख में सिमट गई. शनिवार को ‘जिगरा’ की कमाई बढ़ी है और फिल्म ने 70 लाख रुपए कमाए हैं.


बजट से इंचभर दूर ‘विक्की विद्या का वो वाला वीडियो’
‘विक्की विद्या का वो वाला वीडियो’ ने 16 दिन में घरेलू बॉक्स ऑफिस पर कुल 39 करोड़ रुपए का कारोबार किया है. कई मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो फिल्म का बजट 40 करोड़ है. यानी राजकुमार राव की फिल्म अब बजट निकालने से बस इंचभर ही दूर है. वहीं ‘जिगरा’ का बजट 80 करोड़ रुपए बताया जा रहा. ‘जिगरा’ ने अब तक कुल 30.40 करोड़ रुपए की कमाई की है जो कि इसकी लागत का आधा भी नहीं है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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