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350 करोड़ी हुई श्रद्धा कपूर की ‘स्त्री 2’, 10वें दिन वीकेंड का मिला जबरदस्त फायदा

Stree 2 Box Office Collection Day 10 ES: राजकुमार राव (Rajkummar Rao) और श्रद्धा कपूर (Shraddha Kapoor) की फिल्म ‘स्त्री 2’ (Stree 2) को रिलीज हुए 10 दिन पूरे हो चुके हैं। लेकिन बावजूद इसके यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कमाई कर रही है। अमर कौशिक के निर्देशन में बनी फिल्म ‘स्त्री 2’ में 300 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार लिया है। ऐसे में अब सबकी निगाहें फिल्म के 10वें दिन के कलेक्शन पर टिकी हैं। बॉलीवुडलाइफ की इस रिपोर्ट में जानें ‘स्त्री 2’ 10वें दिन कितनी कमाई कर सकती हैं। Also Read – राजकुमार राव से नहीं इस एक्टर संग शादी का सपना देखती थीं पत्रलेखा, एक्ट्रेस ने किया था खुलासा

‘स्त्री 2’ ने 10वें दिन किया इतना कलेक्शन

श्रद्धा कपूर और राजकुमार राव की फिल्म ‘स्त्री 2’ ने 10वें दिन भी बेहतरीन कमाई की है। सैक्निलक डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार अमर कौशिक के निर्देशन में बनी फिल्म ‘स्त्री 2’ 10वें दिन 32.5 करोड़ रुपये की कमाई कर सकती है। इस हिसाब से फिल्म ने अब तक 356 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया है। हालांकि अभी तक यह फिल्म के केवल शुरुआती आंकड़ें हैं, फिल्म का असली कलेक्शन तो आना अभी बाकी है। बता दें कि फिल्म ने जहां 14 अगस्त प्रीव्यू के दिन 9.40 करोड़ रुपये कमाए थे तो वहीं 15 अगस्त को 55.40 करोड़ रुपये, 16 अगस्त- 35.30 करोड़ रुपये, 17 अगस्त- 45.70 करोड़ रुपये, 18 अगस्त- 58.20 करोड़ रुपये, 19 अगस्त- 38.40 करोड़ रुपये, 20 अगस्त- 26.80 करोड़ रुपये, 21 अगस्त- 20.40 करोड़ रुपये, 22 अगस्त- 18.20 करोड़ रुपये की कमाई की थी। Also Read – Stree 2 Box Office Collection Day 9: ‘स्त्री 2’ के भौकाल में नहीं आई कोई कमी, फिल्म ने कर लिया है इतना कलेक्शन

एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री और टीवी न्यूज की पल पल की अपडेट जानने के लिए बने रहे बॉलीवुडलाइफ के साथ। Also Read – Stree 2 Box Office Collection Day 9 ES: ‘स्त्री 2’ ने 9वें दिन की शानदार कमाई, 350 करोड़ी होने से केवल एक कदम दूर

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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