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आर्यन खान की वोदका को मिले अवॉर्ड, पापा शाहरुख खान ने ऐसे दी बधाई

Aryan Khan Vodka Got Awards: शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान ने फिल्मों में एंट्री नहीं ली है. वे फिल्म मेकिंग में अपना हाथ आजमा रहे हैं, इसके अलावा वे अपना क्लोथिंग ब्रांड D’YAVOL चलाते हैं. इसके अलावा आर्यन डी’यावोल नाम का वोदका ब्रांड भी चलाते हैं. बहुत कम समय में उनका ये ब्रांड चल पड़ा और अब अवॉर्ड्स से भी नवाजा गया है. ऐसे में पिता शाहरुख खान ने भी बेटे तो शाबाशी दी है.

आर्यन खान ने अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हुए जानकारी दी है कि उनके  D’YAVOL सिंगल एस्टेट वोदका को 2024 का सबसे ज्यादा अवॉर्ड दिया जाने वाला नया वोदका बन गया है. आर्यन ने अपने वोदके को प्रमोट करता हुआ एक पोस्टर शेयर किया है. इसमें लिखा है कि ये वोदका अब भारत, यूएई और ऑस्ट्रेलिया में भी अवेलेबल है.


पोस्टर में बताई गई वोदका की खूबियां
पोस्टर में आगे वोदके की खूबियां भी लिखी हैं. पोस्टर में लिखा है- ‘पोलैंड में 100 पर्सेंट विंटर गेहूं का इस्तेमाल करके अनाज से गिलास तक तैयार की गई, डी’यावोल सिंगल एस्टेट वोदका को बेजोड़ चिकनाई के लिए रेयर काले मोतियों के जरिए फिल्टर किया जाता है.’ इस पोस्ट के साथ कैप्शन में आर्यन ने लिखा- ‘ब्लैक इज द न्यू ब्लैक.’

शाहरुख खान ने दी बेटे को बधाई
शाहरुख खान ने बेटे आर्यन की इस कामयाबी पर उन्हें बधाई दी है. एक्टर ने आर्यन के पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा- ‘बधाई हो dyavolworkshop, अब शेल्फ में और जगह की जरूरत होगी.’

बड़े पर्दे पर एंट्री लेंगे आर्यन खान?
बता दें कि हाल ही में खबर आई थी कि कुछ फिल्म मेकर्स ने आर्यन खान को एक्टिंग के लिए अप्रोच किया है. पिंकविला की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ टॉप मेकर्स और डायरेक्टर्स ने आर्यन खान को लॉन्च करने के लिए शाहरुख खान से बात की है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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