टैकनोलजी

बुजुर्ग को ले डूबा ऑनलाइन रोमांस, चुटकियों में गंवा दी अपनी जिंदगी भर की कमाई

Man Loses 6 Crore Rupees in Online Scam: दुनिया में साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. भारत में भी आए दिन कोई न कोई मामला सामने आता रहता है. अमेरिका में साइबर फ्रॉड का ऐसा मामला सामने आया है, जो कि आपको चौंका कर रख देगा. यहां एक 75 साल के बुजुर्ग को पहले ऑनलाइन रोमांस के जाल में फंसाया गया और इसके बाद उसकी जिंदगी भर की कमाई छीन ली गई.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, यह पूरा मामला अमेरिका का है,, जहां के रहने वाले पिग बुचरिंग को ऑनलाइन स्कैम का शिकार बनाया गया. 75 साल के इस शख्स की लिंक्डइन पर एक लड़की से बातचीत शुरू हुई. लिंक्डइन पर महिला ने खुद को चीन की रहने वाली एक अमीर महिला के रूप में दिखाया. महिला ने बुजुर्ग को भरोसा दिलाया कि वो सैन फ्रांसिस्को में रह रही है और सोने की सप्लाई का काम करती है. खुद को चीन की रहने वाली महिला ने अपना नाम वायोलिन चेन बताया. 

महिला ने बुजुर्ग को अपनी कुछ तस्वीरें भी वॉट्सऐप की, जिसके बाद दोनों के बीच फोन पर रोमांस की बातें होने लगीं. लड़की ने इतने शातिर तरीके से बात की कि बुजुर्ग को महिला पर बिलकुल भी शक नहीं हुआ. धीरे-धीरे बुजुर्ग महिला के जाल में फंसने लगा. इसके बाद महिला ने बुजुर्ग से कहा कि उसे कहीं निवेश करना चाहिए और अपने किसी रिश्तेदार के फर्म के बारे में बताया. 

शख्स ने गंवा दिए 6 करोड़ रुपये

पहले महिला ने बुजुर्ग को सिर्फ 1500 डॉलर जमा करने के लिए कहा और धीरे-धीरे उसे पैसे जमा करने के लिए कहती रही. इस तरह महिला ने उससे लगभग 3 लाख डॉलर (करीब 6 करोड़ रुपये) लूट लिए और दिखाया कि काफी मुनाफा हो रहा है. बुजुर्ग ने जब पैसा निकालने की बात कही तो उससे और पैसों की मांग की गई. इस तरह शख्स अपने सारे पैसे गंवाता रहा. बाद में शख्स को पता चला कि उसके साथ बड़ा फ्रॉड हुआ है.

यह भी पढ़ें:-

बड़ी मशक़्क़त! लाइक-फॉलो पाने के लिए इतने घंटे सोशल मीडिया यूज़ करते हैं इंफ्लुएंसर्स, चौंका देगी रिपोर्ट 

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button