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पंकज झा को ‘कालीन भैया’ पकंज त्रिपाठी ने दिया जवाब, बोले- ‘उनकी बातों से नहीं पड़ता फर्क’

प्राइम वीडियो की वेब सीरीज ‘पंचायत 3’ रिलीज हो चुकी है और वेब सीरीज ‘मिर्जापुर 3’ रिलीज होने वाली है। ये वेब सीरीज काफी चर्चित हैं और इनके किरदारों ने काफी सुर्खियां बटोरी हैं। वहीं, इन दिनों ‘पंचायत 3’ में विधायक जी का रोल करने वाले पंकज झा और ‘मिर्जापुर 3’ में कालीन भैया किरदार निभाने वाले पंकज त्रिपाठी चर्चा में बने हुए हैं। दरअसल, पंकज झा ने ‘पंचायत 3’ के प्रमोशन के दौरान कहा था कि पकंज त्रिपाठी को उनका ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ का रोल दे दिया गया था। इसके अलावा उन्होंने कहा कि पंकज त्रिपाठी ने अपने स्ट्रगल को काफी रोमैंटिसाइज किया। इस पर अब ‘मिर्जापुर 3’ के प्रमोशन के दौरान पंकज त्रिपाठी ने रिएक्शन दिया है। Also Read – Mirzapur 3 Trailer: गुड्डू भैया से गद्दी हड़पने वापस लौटा जख्मी शेर, कालीन भैया की एंट्री देख लोग बोले- ‘अब होगा बवाल’

पंकज त्रिपाठी ने कहा- ‘मैंने अपनी जर्नी को जिया है’

वेब सीरीज ‘मिर्जापुर 3’ के प्रमोशन के दौरान पकंज त्रिपाठी ने पंकज झा के बयान पर रिएक्शन दिया है। पंकज त्रिपाठी ने कहा है,’ मैंने कभी अपने स्ट्रगल को रोमैंटिसाइज नहीं किया। मैंने अपने स्ट्रगल को लेकर किसी को इंस्पायर करने की कोशिश नहीं की है। मैंने अपनी जर्नी को जिया है। मैंने इतना जरूर कहा है कि मेरी पत्नी कमाती थी और मैं काम ढूंढता था। मैंने ये कभी नहीं कहा कि मैं गमछा पहनकर अंधेरी स्टेशन के बाहर हूं। मेरी जिंदगी खुशनुमा रही है। मुंबई में आने के बाद मैं कई पापड़ बेले लेकिन खुशी के दिन भी देखें। मैंने कभी किसी को सहानुभूति लेने के लिए अपने स्ट्रगल को रोमैंटिसाइज नहीं किया। हम सभी अपनी जर्नी जीते हैं और परेशानियों का सामना करते हैं। जब आप इस तरह की स्टोरी पढ़ते हैं या फिर सुनते हैं तो कुछ लोग इंस्पायर होते हैं। इसमें कोई दिक्कत वाली बात नहीं है। बस ये है कि हमें अपनी जिंदगी जीते रहना है।’ Also Read – Mirzapur 3 Release Date: घायल शेर बनकर भौकाल मचाएंगे कालीन भैया, ‘मिर्जापुर 3’ का टीजर देख लोग बोले- ‘देर आए दुरुस्त आए’

पंकज त्रिपाठी बोले- ‘मुझे फर्क नहीं पड़ता है’

पंकज त्रिपाठी ने आगे कहा, ‘मैं ओम पुरी, इरफान खान और मनोज बाजपेयी से इंस्पायर हुआ हूं। मैं उनसे इंस्पीरेशन ली है। मेरी जर्नी से भी कुछ लोग इंस्पायर हुए होंगे और कुछ नहीं। हम सबकी एक जर्नी है, कुछ लोग मेरी जर्नी से शायद कनेक्ट कर पा रहे होंगे। एक्टिंग या आर्ट के रूप में नहीं, किसी और रूप में कर रहे हैं। पंकज झा ने जो कहा है कि उससे मुझे बुरा नहीं लगा। मैं उनमें से नहीं हूं जो हर्ट हो जाए। ये सब शोर मुझ पर फर्क नहीं डालता।’ Also Read – पंकज त्रिपाठी के बहनोई की रोड एक्सीडेंट में हुई मौत, बहन की हालत गंभीर

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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