टैकनोलजी

कितने अमीर हैं सत्या नडेला? नेटवर्थ जानकर रह जाएंगे हैरान

Microsoft CEO Satya Nadella Net Worth: टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) के सर्वर में आई गड़बड़ी ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया. इस परेशानी को लेकर सीईओ सत्या नडेला का रिएक्शन भी सामने आया. एक्स पर नडेला ने कहा कि हम इस मुद्दे से अवगत हैं और यूजर्स को उनके सिस्टम को सुरक्षित रूप से ऑनलाइन वापस लाने के लिए क्राउडस्ट्राइक को टेक्निकल सपोर्ट दे रहे हैं. 

माइक्रोसॉफ्ट दुनिया की दूसरी सबसे वैल्यूएबल कंपनी है. मार्केट कैप की बात की जाए तो ये 3.272 ट्रिलियन डॉलर है. माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला भारतीय मूल के हैं और 2014 में कंपनी के सीईओ बने थे. जब सत्या नडेला को माइक्रोसॉफ्ट का सीईओ बनाया गया था तब कंपनी कई तरह की परेशानियों से गुजर रही थी. सत्या नडेला ही वो शख्स हैं जिन्होंने कंपनी को ऊंचा मुकाम दिलाया. 

कितने अमीर हैं सत्या नडेला?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सत्या नडेला की नेटवर्थ करीब 7 हजार 500 करोड़ है. फाइनेंशियल ईयर 2023 में नडेला को 4.85 करोड़ डॉलर यानी 4 अरब 3 करोड़ 64 लाख 63 हजार 425 रुपये की सैलरी मिली. इसमें 25 लाख डॉलर नडेला की बेसिक सैलरी है तो वहीं 64 लाख डॉलर से ज्यादा का बोनस शामिल है. इसके साथ ही दूसरा इन्हें कंपनसेशन मिला है. 

नडेला प्रोफेशनल सोशल नेटवर्क लिंक्डइन के सीईओ रयान रोसलांस्की से बातचीत के दौरान नडेला ने बताया कि साल 1992 में माइक्रोसॉफ्ट में नौकरी मिली थी और वह एक युवा इंजीनियर के तौर पर कंपनी से जुड़े थे, तब उन्होंने यह एक दम नहीं सोचा था कि एक दिन वह उसी कंपनी के सीईओ भी बन सकते हैं.

नडेला ने अपना अनुभव साझा करते बताया कि मुझे याद है कि मैं माइक्रोसॉफ्ट के दफ्तर में प्रवेश कर रहा था और सोच रहा था कि यह मुझे मिल सकने वाली दुनिया की सबसे शानदार नौकरी है. मुझे अब इसके बाद कुछ नहीं चाहिए.

यह भी पढ़ें:-

India Post Delivery Scam: पता अपडेट करने का मैसेज आए तो हो जाएं सावधान! वरना हो जाएगा बड़ा नुकसान 

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button