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Instagram पर यूज करना हैं Meta AI पर समझ नहीं आ रहा कुछ? यहां जानें तरीका

How to Use Meta AI on Instagram: मेटा ने भारत में अपना एआई चैटबॉट रोलआउट करना शुरू कर दिया है. जिसके बाद अब भारतीय यूजर्स फ्री में मेटा के एआई चैटबॉट का यूज कर सकेंगे. बड़ी बात यह है कि यूजर्स इस एआई चैटबॉट का इस्तेमाल वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम और सभी मेटा प्लेटफॉर्म्स पर बिना पैसे खर्च किए कर पाएंगे.

मेटा एआई चैटबॉट का इस्तेमाल यूजर्स मेटा प्लेटफॉर्म्स पर इंग्लिश में कर सकेंगे. इसके लिए यूजर्स को सर्च बार में Meta AI सर्च करना होगा, जिसके बाद चैट पेज का ऑप्शन मिलेगा. यूजर्स के सवाल का जवाब मेटा एआई जनरेट करके देगा. आप अगर अपने इंस्टाग्राम में मेटा एआई का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो यहां हम आपको स्टेप बाय स्टेप बताते हैं. 

Instagram पर कैसे पाएं Meta AI का एक्सेस?

  • इंस्टाग्राम पर मेटा एआई का इस्तेमाल करने के लिए आपको सबसे पहले यह करना है कि अपने इंस्टाग्राम ऐप के लेटेस्ट वर्जन को अपडेट करें और ओपन करें.
  • जब आप अपने इंस्टाग्राम को अपडेट कर लेंगे तो आपको अब दाईं और सबसे ऊपर टैप करके डायरेक्ट मैसेज सेक्शन खोलना है.
  • इसके बाद राइट साइड पर सबसे ऊपर दिख रहे तीन डॉट्स पर टैप करने के बाद Create An AI Chatbot का ऑप्शन मिल जाएगा.
  • यहां आपको Meta AI दिखने लगेगा. इसी को टैप करके आप एआई से बातें करना शुरू कर सकते हैं. 

9 भारतीय भाषाओं में रोल आउट किया गया जेमिनी ऐप

एआई चैटबॉट रोलआउट की खबर के बाद से भारतीय यूजर्स काफी एक्साइटेड हैं. भारत में करोड़ों लोग फेसबुक और उसके बाकी प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करते हैं. यही वजह है कि मेटा भारत में यूजर्स के साथ इस एआई चैटबॉट का टेस्ट कर रही थी. वहीं दूसरी तरफ, गूगल ने कुछ दिन पहले ही अपने एआई चैटबॉट जेमिनी मोबाइल ऐप को 9 भारतीय भाषाओं में रोल आउट किया है. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि यूजर्स किस एआई चैटबॉट को पसंद करते है. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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