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मुसीबत में Ola! इस भारतीय कंपनी ने लगाया डाटा चोरी का आरोप, लीगल नोटिस भी भेजा

जुलाई के पहले हफ्ते में ही Ola Electric ने अपनी स्वदेशी नेविगेशन सेवा Ola Maps नाम से लॉन्च की. इसके बाद दावा किया कि इसे कंपनी के जेनरेटिव AI असिस्टेंट Krutim की मदद से तैयार किया गया गै. लेकिन अब MapMyIndia ने Ola Electric पर चोरी का आरोप लगाया है. MapMyIndia ने दावा किया है कि Ola की नेविगेशन सेवा इसके डाटा पर बेस्ट है और अब इस मामले में लीगल नोटिस भी भेजा गया है. 

Forbes India की रिपोर्ट के मुताबिक, Ola पर डाटा चोरी से जुड़े गंभीर आरोप लगे हैं. बता दें कि MapMyIndia डेडिकेटेड नेविगेशन सॉल्यूशंस ऑफर करती है और यह एक भारतीय मैपिंग कंपनी है. इससे पहले इलेक्ट्रिक वीइकल्स कंपनी और टैक्सी सर्विस देने वाली कंपनी ने ओला ने खुद की ओला मैप्स की सुविधा शुरू की थी. 

ओला पर लगा ये बड़ा आरोप

भारतीय नेगिवेशन कंपनी MapMyIndia ने आरोप लगाया है कि ओला ने उसके खास सॉफ्टवेयर की चोरी की है और इसका इस्तेमाल ओला मैप्स को डेवलप करने के लिए किया गया है. लीगल नोटिस में MapMyIndia ने कहा है कि ओला ने इसके इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स का उल्लंघन किया है. हालांकि, Ola की इस संबंध में अब तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. 

हो सकती है बड़ी कार्रवाई

लीगल नोटिस भेजने के बाद डेटा चोरी के आरोपों की जांच की जाएगी. वहीं, डेटा चोरी साबित होने के बाद ओला के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है और भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है. हालांकि, देखना ये भी होगा कि दोनों कंपनियां मिलकर कोई हल निकाल पाती है या नहीं. बता दें कि ओला बीते कुछ समय से सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट को लेकर एक्टिव है और कंपनी ने AI असिस्टेंट Krutrim को हाल ही में लॉन्च किया था. दावा है कि कंपनी ने इसे खुद तैयार किया है और ये OpenAI और ChatGPT पर आधारित है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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