टैकनोलजी

अमेरिका में बनता है Apple iPhone, लेकिन इस देश में सबसे ज्यादा होता है इस्तेमाल, चीन भी रह गया

Apple iPhone: एप्पल ने हालही में आईफोन 16 सीरीज (iPhone 16 Series) को दुनियाभर में लॉन्च किया है जिसके बाद से ही एप्पल आईफोन काफी ट्रेंड में है. लेकिन क्या आपको पता है कि आईफोन किस देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. अगर आप अमेरिका या चीन सोच रहे हैं तो आप गलत है. जी हां, दरअसल, अमेरिका में बनने के बावजूद यहां के लोग आईफोन को ज्यादा नहीं इस्तेमाल करते हैं. आइए बताते हैं कि आईफोन के इस्तेमाल में कौन सा देश सबसे आगे है.

कहां सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है iPhone

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि Apple भले ही अमेरिका की कंपनी है लेकिन यहां के महज 51 प्रतिशत लोग ही आईफोन का इस्तेमाल करते हैं. वहीं 27 फीसदी लोग सैमसंग के फोन का यूज करते हैं.

वहीं जापान आईफोन के इस्तेमाल में दुनिया में एक नंबर पर आता है. जानकारी के मुताबिक, जापान में करीब 59 प्रतिशत लोग आईफोन का इस्तेमाल करते हैं. वहीं 9 प्रतिशत लोग सैमसंग का और करीब 32 प्रतिशत लोग बाकी ब्रांड्स के फोन का यूज करते हैं. इसके बाद कनाडा में 56% और ऑस्ट्रेलिया में 53% लोग आईफोन यूजर हैं. 

भारत में iPhone के यूजर बेहद कम

भारत की बात करें तो देश में पिछले कुछ समय से iPhone का चलन काफी तेजी से बढ़ा है. लेकिन इसके बावजूद देश में महज 5 प्रतिशत लोग ही एप्पल आईफोन का इस्तेमाल करते हैं. वहीं जानकारी के मुताबिक, 19 फीसदी लोग भारत में सैमसंग का फोन यूज करते हैं जबकि 76 फीसदी लोग Xiaomi, Vivo और Oppo जैसे ब्रांड्स के स्मार्टफोन को यूज करते हैं.

दुनिया iPhone का इस्तेमाल

दुनियाभर में Apple iPhone का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें चीन में सिर्फ 21 प्रतिशत लोग ही iPhone इस्तेमाल करते हैं. चीन में Xiaomi, Vivo और Oppo जैसे ब्रांड्स की ज्यादा डिमांड रहती है. वहीं यूके में 48 फीसदी लोग iPhone यूज करते हैं. जर्मनी में 34 प्रतिशत लोग आईफोन चलाते हैं तो वहीं फ्रांस में आईफोन यूज करने वाले लोगों की आबादी 35 फीसदी है. साउथ कोरिया में 18 प्रतिशत तो ब्राजील में 16 फीसदी लोग एप्पल आईफोन इस्तेमाल करते हैं.

यह भी पढ़ें:

Apple Watch Series 10 Vs Series 9: दोनों स्मार्टवॉच में कौन है ज्यादा बेहतर

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button