बॉलीवुड और मनोरंजन

जब विदेश में मुसीबत में फंसा था ये ‘Bigg Boss’ कंटेस्टेंट, सुषमा स्वराज ने की थी हेल्प | Bollywood Life हिंदी

टीवी सीरियल्स की दुनिया में सितारे आए दिन किसी न किसी मुसीबत में फंसते ही रहते हैं. शो में नए नए चैलेंजेस का सामना करना टीवी सितारों की आदत होती है. हालांकि कई बार ऐसा भी हुआ है कि ये सितारे असल जिंदगी में भी बुरी तरह फंस गए थे. इस लिस्ट में एक नाम टीवी एक्टर करणवीर वोहरा (Karanvir Bohra) का भी आता है. बिग बॉस का ये सितारा एक जमाने में रशिया में फंस गया था. इस बात का खुलासा खुद करणवीर वोहरा ने ही किया था. एक ट्वीट के जरिए करणवीर वोहरा ने फैंस को पूरी कहानी सुनाई थी. इस दौरान करणवीर वोहरा ने बताया था कि किस तरह से सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) ने उनके आगे मदद का हाथ आगे बढ़ाया था. Also Read – ‘गुम है किसी के प्यार में’ होगी करणवीर वोहरा की एंट्री? लीप के बाद बदलने वाली है कहानी

सुषमा स्वराज के देहांत की खबर सुनकर करणवीर वोहरा ने ये ट्वीट लिखा था. ‘इस ट्वीट को पढ़कर हर कोई उस समय इमोशनल हो गया था. करणवीर वोहरा ने अपने ट्वीट में लिखा, मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि सुषमा स्वराज अब इस दुनिया में नहीं हैं. उन्होंने अपनी जिंदगी में बहुत मेहनत की थी. उन्होंने देश को सुधारने में अपना योगदान दिया है. उन्होंने किसी भी इंडियन का सिर नीचे नहीं झुकने दिया. अगर सुषमा स्वराज नहीं होती तो मैं कभी भी रशिया से वापस नहीं आ पाता.’

करणवीर वोहरा के इस बयान ने सोशल मीडिया को हिलाकर रख दिया था. बता दें सालों पहले करणवीर वोहरा अपने काम के सिलसिले में मॉस्को गए थे. यहां करणवीर वोहरा को पता चला कि उनके पासपोर्ट में कोई गड़बड़ है. ये बात जानकर करणवीर वोहरा घबरा गए. वहीं एयरपोर्ट पर मौजूद गार्ड्स ने करणवीर वोहरा को रोक लिया. ऐसे में मदद लेने के लिए करणवीर वोहरा ने भारतीय दूतावास के ऑफिस में कॉल लगाया. जिसके बाद खुद सुषमा स्वराज ने इस मामले में दखल दी थी. यही वजह है जो करणवीर वोहरा आज भी सुषमा स्वराज का अहसान मानते हैं. एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री और टीवी न्यूज की पल पल की अपडेट जानने के लिए बने रहे बॉलीवुडलाइफ के साथ. Also Read – Karanvir Bohra समेत इन टीवी स्टार्स ने किए ‘लालबागचा राजा’ के दर्शन, गणपति बप्पा का लिया आशीर्वाद

बॉलीवुड, हॉलीवुड, साउथ, भोजपुरी और टीवी जगत की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें…

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button