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Jigra vs VVKWWV Box Office: राजकुमार और आलिया की फिल्मों का पहले वीकेंड पर ऐसा रहा हाल, जानें कमाई

Jigra vs Vicky Vidya Ka Woh Wala Video: आलिया भट्ट (Alia Bhatt) की फिल्म ‘जिगरा’ (Jigra) और राजकुमार राव (Rajkummar Rao) की फिल्म ‘विक्की विद्या का वो वाला वीडियो’ (Vicky Vidya Ka Woh Wala) ने एक ही दिन बीते शुक्रवार को सिनेमाघरों में दस्तक दी थी. इन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर पहला वीकेंड पूरा कर लिया है और कलेक्शन के आंकड़े सामने आ गए हैं. दोनों फिल्मों को अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. आइए जानते हैं कि आलिया भट्ट की ‘जिगरा’ और राजकुमार राव की ‘विक्की विद्या का वो वाला वीडियो’ ने फर्स्ट वीकेंड पर कितनी कमाई की है. Also Read – Jigra vs VVKWWV Box Office Collection: राजकुमार की फिल्म के आगे नहीं दिखा ‘जिगरा’, देखें आंकड़े

दोनों फिल्मों के ओपनिंग वीकेंड की कमाई

आलिया भट्ट और वेदांग रैना की फिल्म ‘जिगरा’ ने रिलीज के तीसरे दिन 5.51 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया है. इस तरह से फिल्म ने फर्स्ट वीकेंड पर 16.64 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है. वहीं, राजकुमार राव और तृप्ति डिमरी की फिल्म ‘विक्की विद्या का वो वाला वीडियो’ ने रविवार को 6.40 करोड़ रुपये की कमाई की है. इस फिल्म का फर्स्ट वीकेंड का कलेक्शन 19.17 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है. दोनों फिल्मों के कलेक्शन पर नजर डालें तो ‘विक्की विद्या का वो वाला वीडियो’ से ‘जिगरा’ भारी पड़ रही है. Also Read – ‘आलिया भट्ट में सच में बहुत जिगरा है…’ Divya Khosla ने फिल्म का फर्जी कलेक्शन बताने का लगाया आरोप

‘विक्की विद्या का वो वाला वीडियो’ और जिगरा’ का हुआ क्लैश

वसन बाला के डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘जिगरा’ और राज शांडिल्य के डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘विक्की विद्या का वो वाला वीडियो’ 11 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई हैं. इस तरह से दोनों फिल्मों का बॉक्स ऑफिस क्लैश हुआ है. ऐसी ही एंटरटेनमेंट (Entertainment News) की लेटेस्ट खबरों के लिए बॉलीवुडलाइफ के साथ बने रहिए. Also Read – Alia Bhatt की टॉप 10 ओपनिंग कलेक्शन मूवीज में शामिल होने को तरसी Jigra, देखें लिस्ट

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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