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सावधान! इस एक गलती से ब्लास्ट हो सकता है आपका कूलर, हादसे से पहले पढ़ लें जरूरी बातें

Air Conditioner: गर्मियों का सीजन चल रहा है. मौसम का तापमान हर जगह ही लगभग 40०C को पार कर चूका है और कुछ राज्यों में तो ये 50० C भी पार कर चुका है. ऐसे में लोगों ने बड़े पैमाने पर AC और कूलर खरीदना शुरू कर दिए है, क्योंकि बढ़ती गर्मी में लोगो से AC (Air Conditioner) या कूलर के बिना नहीं रहा जा रहा है. 

कूलर में ब्लास्ट होने का डर

अगर आप भी ज़्यादातर भारतीयों की तरह इस गर्मी के मौसम में कूलर का इस्तेमाल कर रह हैं, तो यह खबर आपके लिए ही है. आज हम बात करेंगे कि कूलर का इस्तेमाल करते हुए किन बातों का ख़ास ध्यान रखना चाहिए. अगर आप गलती से इन बातों का ध्यान नहीं रखा तो ऐसे में आपका कूलर बम की तरह ब्लास्ट हो सकता है. आइए जानते हैं उन गलतियों के बारे में जो कूलर का इस्तेमाल करते समय नहीं करनी चाहिए.

अगर आपके कूलर में किसी भी प्रकार की कोई भी दिक्कत आ रही है तो उसे जल्द से जल्द ठीक कराए न की उसे नज़रअंदाज़ कर कूलर का इस्तेमाल करते रहे. अगर आप कूलर कि समस्या को ठीक नहीं करते है तो आपका कूलर खराबी के कारण गरम होकर फट (Blast) सकता है. खासकर अगर कूलर में पावर सप्लाई ठीक तरह से नहीं है तो, ऐसे में कूलर के ब्लास्ट होने की संभावना काफी बढ़ जाती है. 

ऐसी समस्या को दूर कैसे करें?

कूलर में पावर की ठीक ढंग से सप्लाई न होने के कारण मोटर या कैपिसेटर जैसे पार्ट्स जल सकते है. आपने अक्सर देखा होगा कि कूलर की मोटर और ब्लेड्स के पास धुंए, रेत और दूसरे कचरे के जमा होने के कारण कूलर धीमा हो जाता है. अगर आप भी ऐसी समस्या को अपने कूलर में देख रहे है तो उसे जल्दी ठीक करा लें नहीं तो आपका कूलर ख़राब हो सकता है. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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