टैकनोलजी

नहीं फेंकना पड़ेगा अब पुराना फोन! इस ट्रिक के बाद नए की तरह करेगा काम

How to Renew Old Smartphone: ऐसा देखा जाता है कि फोन के पुराने हो जाने के बाद उसका प्रोसेसर स्लो हो जाता है. इसके अलावा कई सारे ऐप्स भी अच्छे से काम नहीं करते हैं और कभी-कभी तो चलते-चलते बंद भी हो जाते हैं. जिसकी वजह से यूजर्स को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

अब आपको इस परेशानी से दो चार नहीं होना पड़ेगा. आपको बस अपने पुराने फोन में कुछ सेटिंग्स को चेंज करना होगा. उसके बाद आपका पुराना फोन भी नए की तरह काम करेगा. तो चलिए जानते हैं कि पुराने फोन को नया कैसे बनाएं.

ऐसे करें पुराने फोन को फास्ट 

  • सबसे पहले अपने फोन की  सेटिंग्स में जाए.
  • इसके बाद वहां पर Background Process Limit ऑप्शन को सर्च करें.
  • सर्च करने के बाद Developer Option शो होगा, उसे ओपन करें.
  • फिर उसमें 6 ऑप्शन दिखाई देंगे, आपको उसमें No Background process ऑप्शन सेलेक्ट करना है. 

असल में हमारे फोन में लोडिंग प्रोसेस तेज करने के लिए कुछ ऐप्स बैकग्राउंड में चलते रहते हैं, जिसका असर रैम पर पड़ता है. इसकी वजह से फोन स्लो हो जाता है और गर्म भी हो जाता है. इसी को रोकने के लिए आप इस ट्रिक की मदद से अपने फोन को फास्ट कर सकते हैं.  No Background process आप्शन सेलेक्ट करने के बाद फोन के बैकग्राउंड में चलने वाले ऐप्स बंद हो जाएंगे. लेकिन अगर आप चाहते हैं कि बैकग्राउंड चलते रहें तो इसके लिए  No Background process वाले सेक्शेन में ऐप्स के खुले रहने का भी आप्शन है. इस ट्रिक के बाद आपके पैसे तो बचेंगे ही साथ में पुराना फोन भी नए की तरह चलेगा.

यह भी पढ़ें:-

T20 World Cup: भारत की जीत पर कुछ इस अंदाज में खुशी जाहिर करते नजर आए टेक दिग्गज, बांधे तारीफों के पुल 

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button