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Elon Musk के X का डेटा लीक! 20 करोड़ यूजर्स पर मंडरा रहा खतरा, खुद को कैसे करें सेफ?

Elon Musk X Data Leak: एलन मस्क के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) के करोड़ों यूजर्स का डेटा लीक हो गया है. इसको लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि इससे 200 मिलियन यानी 20 करोड़ से ज्यादा यूजर्स प्रभावित हो सकते हैं. हालांकि एक्स की तरफ से इसको लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. 

साइबर प्रेस के रिसर्चर्स ने दावा किया है कि लीक हुए रिकॉर्ड का साइज 9.4GB (लगभग 1जीबी की 10 फाइल्स) है. जिसमें यूजर्स के ईमेल एड्रेस, नाम और अन्य अकाउंट डिटेल शामिल है. यह डेटा ब्रीच करोड़ों एक्स यूजर्स को प्रभावित कर सकता है. 

इस अकाउंट से जारी किया गया लीक डेटाबेस

रिसर्चर्स ने बताया कि यूजर्स अब फिशिंग, पहचान की चोरी और कई अन्य तरह के ऑनलाइन हमलों का सामना कर सकते हैं. लीक डेटाबेस को मिचुपा नाम के एक अकाउंट से जारी किया गया था. जानकारी के मुताबिक, इन लीक हुए एक्स अकाउंट से जुड़े डेटा लीक में डाउनलोडेबल लिंक हैं जो यूजर्स के लिए बड़ी मुसीबत ला सकते हैं. 

खुद को किस तरह रख सकते हैं सेफ?

यूजर्स खुद को सेफ रखने के लिए कुछ सेफ्टी टिप्स आजमा सकते हैं जैसे पासवर्ड बदलना, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन इनेबल करना और सस्पेक्टेड ईमेल और मैसेजेस को इग्नोर करना. यूजर्स तुरंत अपने एक्स अकाउंट की लॉगिन एक्टिविटी चेक करें और किस अकाउंट में उनका अकाउंट लॉगिन है उस पर भी नजर रखें.

मजबूत सेफ्टी और सिक्योरिटी तरीकों को लागू कर समय-समय पर सिक्योरिटी ऑडिट के जरिए संभावित कमजोरियों का पता लगा सकते हैं. इसके साथ ही लोगों को ऑनलाइन हमलों के बारे में जागरूक करें. इसके अलावा यूजर्स किसी भी लिंक को गलती से भी ओपन न करें क्योंकि ये मैलवेयर हो सकता है. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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