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84 दिनों की वैलिडिटी के लिए किसका प्लान सबसे बेहतर? यहां जान लें फायदे और नुकसान

BSNL vs Airtel vs Vi 84 Days Validity Plan: मोबाइल रखने के साथ ही आपको इसके खर्चे भी उठाने पड़ते हैं. क्योंकि बिना रिचार्ज प्लान के आपके फोन का कोई महत्तव भी नहीं रह जाता. ऐसे में प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों के रिचार्ज प्लान की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद लोगों की दिक्कतें और ज्यादा बढ़ गई है. ये दिक्कत उन लोगों को ज्यादा हो रही है जिन्हें सिर्फ इनकमिंग से मतलब है.

आइए जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के 84 दिनों की वैलिडिटी वाले इनकमिंग प्लान के बारे में जानते हैं. 

Jio का इनकमिंग के लिए सबसे सस्ता प्लान 

रिलायंस जियो के सबसे सस्ते 84 दिनों वाले रिचार्ज प्लान की कीमत की बात करें तो ये 479 रुपये वाला रिचार्ज प्लान है. यह प्लान कॉलिंग के लिए जबरदस्त है तो वहीं उनके लिए भी है, जिन्हें डाटा की कम जरूरत पड़ती है. इसमें आपको 6जीबी डाटा मिलेगा और सभी नेटवर्क पर अनलिमिटेड कॉलिंग और 1 हजार मैसेज मिलेंग. 

Airtel का इनकमिंग के लिए सबसे सस्ता प्लान 

एयरटेल 84 दिनों की वैलिडिटी के लिए 509 रुपये वाला प्लान दे रहा है. इस प्लान में भी आपको कुल 6जीबी डाटा मिलेगा और साथ ही अनलिमिटेड कॉलिंग मिलने वाली है. इसके अलावा उन लोगों के लिए ये प्लान बेस्ट है जो सिर्फ इनकमिंग कॉलिंग के लिए रिचार्ज कराते हैं.

Vi का इनकमिंग के लिए सस्ता प्लान

इसके अलावा अगर आपको वोडाफोन आइडिया में यही सेम प्लान चाहिए तो इसके लिए आपको एयरटेल की तरह 509 रुपये खर्च करने होंगे. इसमें भी आपको बाकी रिचार्ज की तरह ही 6जीबी डाटा के साथ अनलिमिटेड कॉलिंग मिलती है. इसतरह ये रिचार्ज प्लान उन लोगों के लिए बेस्ट है जिन्हें सिर्फ कॉलिंग की जरूरत होती है. 

आपको एक बात यहां यह ध्यान देनी है कि ये रिचार्ज प्लान आपको सिर्फ और सिर्फ इन कंपनियों की वेबसाइट पर दिखाई देंगे. इसके लिए आपको यहीं से रिचार्ज करना होगा. अगर आप पेटीएम, गूगलपे या फिर फोनपे से डायरेक्ट रिचार्ज करेंगे तब आपको ये नहीं दिखाई देंगे. इसके अलावा आप कंपनियों के ऐप से भी रिचार्ज कर सकते हैं. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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