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Bigg Boss OTT 3: अपने कड़क अंदाज से घरवालों के तेवर ढीले करेंगे अनिल कपूर, स्वैग के साथ बताई शो की रिलीज डेट

फेमस रियलिटी शो ‘बिग बॉस ओटीटी’ (Bigg Boss OTT 3) का तीसरा सीजन जल्द ही ओटीटी प्लेटफॉर्म जियो सिनेमा पर दस्तक देने वाला है। ओटीटी के इस सीजन को सलमान खान की जगह एक्टर अनिल कपूर होस्ट करेंगे। ऐसे में इस शो को लेकर फैंस काफी एक्साइटेड हैं। इसी बीच फैंस की एक्साइटमेंट को दोगुना करने के लिए ‘बिग बॉस ओटीटी 3’ का नया प्रोमो वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में अनिल कपूर (Anil Kapoor) बता रहे हैं कि यह सीजन बहुत खास होने वाला है। वीडियो में एक्टर कह रहे हैं, “अभी तो बस शुरू किया है।”

‘बिग बॉस ओटीटी 3’ का प्रोमो

इस वीडियो में अनिल कपूर ब्लैक कलर का कोट पहने नजर आ रहे हैं। वीडियो में एक्टर कह रहे हैं, “सबने पूछा अब क्या ही बाकी है एके। मैंने पूछा क्या-क्या बाकी है एके। भला बुरा, खरा खोटा, पानी आग, गाली ताली, सब देखा, सब सुना। अब मेरी बारी है। रूल नया, गेम वही। लड़ेंगे, भिड़ेंगे, टिकेंगे पता नहीं थोड़ा मैजिक थोड़ा लॉजिक। कुर्सी मंगा रे।” इस वीडियो में आगे अनिल कपूर कह रहे हैं, “ऐ बहुत हो गया झकास, करते हैं ना कुछ खास। अब सब बदलेगा।” इसी के साथ वीडियो में यह भी बताया गया कि यह शो 21 जून को रिलीज होगा। बिग बॉस ओटीटी 3 के इस प्रोमो वीडियो पर लोग खूब कमेंट कर रहे हैं और अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

देखें वीडियो

बिग बॉस ओटीटी 3 के प्रोमो वीडियो पर लोगों के रिएक्शन

बिग बॉस ओटीटी 3 (Bigg Boss OTT 3) के इस प्रोमो वीडियो को जियो सिनेमा के इंस्टाग्राम पेज पर शेयर किया गया है। इस वीडियो को शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन में लिखा, “मौसम बदलेगा, तापमान बदलेगा, एके के आने से अब सबकुछ बदलेगा। इस खास सीजन के लिए तैयार हो जाइये।” बिग बॉस ओटीटी 3 के इस प्रोमो वीडियो को देख फैंस की एक्साइटमेंट दोगुनी हो गई है। एक यूजर ने लिखा, “अनिल कपूर (Anil Kapoor) नायक की वाइव्स दे रहे हैं। इस सीजन के लिए और इंतजार नहीं कर सकता।” तो वहीं एक दूसरे यूजर ने लिखा, “ओ माई गॉड क्या प्रोमो है सर।”

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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