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Bigg Boss OTT 3: ‘आओ आपको चारा खिलाता हूं’ लवकेश से भिड़े नेजी तो चढ़ गया एल्विश यादव का पारा

बिग बॉस ओटीटी 3 में कंटेस्टेंट्स के बीच अब खूब झगड़े देखने को मिल रहे हैं। शो के बीते एपिसोड में रैपर नेजी और लव कटारिया के बीच जबरदस्त फाइट देखने को मिली। इस दौरान दोनों ने एक-दूसरे पर जमकर कीचड़ उछाली। बिग बॉस ओटीटी 3 का एक नया प्रोमो वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि नेजी गार्डन एरिया में बैठकर विशाल पांडे और बाकी कंटेस्टेंट्स के साथ बातचीत कर रहे होते हैं तभी लव कटारिया आकर उनसे बहस करने लगते हैं। इस दौरान नेजी का पारा काफी चढ़ जाता है और वह लव को उल्टा-सीधा बोलने लगते हैं। दोनों के बीच ये बहस इतनी बढ़ जाती है कि बात हाथापाई तक पहुंच जाती है।

नेजी ने लवकेश कटारिया को कहा- ‘भैंस चराने वाला’

बिग बॉस ओटीटी 3 के इस प्रोमो वीडियो में देखने को मिल रहा है कि नेजी गुस्से में कहते हैं, ‘अबे तू कुत्ता है बचकाने। एक ही लाफे में खुल जाएगा। अबे जा बचकाने जाकर भैंस चरा, दूध निकाल जाकर भैंस का। तेरी औकात है।’ वहीं लड़ाई के दौरान लव भी नेजी को उल्टा-सीधा कहते हैं।’ बिग बॉस ओटीटी 3 का यह प्रोमो वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो के सामने आने के बाद जहां कुछ लोग नेजी को उनकी भाषा के लिए लताड़ लगा रहे हैं तो वहीं कुछ लोग रैपर का सपोर्ट कर रहे हैं। अब इसी बीच बिग बॉस ओटीटी 2 विनर एल्विश यादव ने शो के इस प्रोमो वीडियो पर रिएक्ट किया है।

एल्विश यादव ने रैपर नेजी को दी धमकी

दरअसल इस वीडियो के सामने के बाद एल्विश यादव बुरी तरह से भड़क गए और उन्होंने ट्विटर पर नेजी को धमकी दे डाली। एल्विश यादव ने नेजी पर निशाना साधते हुए कहा, “गांव का मतलब अगर भैंस चराना होता है तो नेजी भाई आप आओ आपको चारा खिलाते हैं।” एल्विश यादव का यह ट्वीट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। बता दें कि नेजी से पहले एल्विश यादव अपने बेस्ट फ्रेंड लव कटारिया के लिए साई केतन को भी धमकी दे चुके हैं।

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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