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अरमान ने विशाल को जड़ा थप्पड़ तो भड़क गईं अंजलि अरोड़ा, बोलीं- ‘कौन-सा शादी के लिए प्रपोज कर दिया’

बिग बॉस ओटीटी 3 (Bigg Boss OTT 3) में वीकेंड का वार एपिसोड में खूब हंगामा देखने को मिला। इस हफ्ते शिवांगी खेडकर और पायल मलिक (Payal Malik) ने शो में एंट्री मारी। इस दौरान शिवांगी खेडकर (Shivangi Khedkar) ने जहां साई के कैरेक्टर पर कमेंट करने को लेकर चंद्रिका दीक्षित की लताड़ लगाई तो वहीं पायल मलिक ने विशाल पांडे और शिवानी को कंफ्रंट किया। दरअसल पायल ने विशाल पर आरोप लगाया था कि उन्होंने कृतिका के बारे में गलत तरीके से बातचीत की। पायल की बात सुनकर अरमान मलिक (Armaan Malik) बुरी तरह से भड़क गए और उन्होंने विशाल को थप्पड़ जड़ दिया। अब बिग बॉस में हुए इस हंगामे पर अंजलि अरोड़ा का रिएक्शन आया है। बता दें कि अंजलि अरोड़ा कंगना रनौत के शो ‘लॉक अप’ में नजर आ चुकी हैं।

अंजलि अरोड़ा (Anjali Arora) ने अरमान मलिक (Armaan Malik) को लगाई लताड़

अंजलि (Anjali Arora) ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरीज पर अरमान मलिक पर जमकर निशाना साधा। अंजलि ने ना सिर्फ अरमान की दो शादियों को गलत ठहराया बल्कि विशाल को थप्पड़ मारने का भी विरोध किया। अंजलि अरोड़ा ने लिखा, ‘हीपोक्रेसी की हद देख लो, जो इंसान ने अपनी बीवी को धोखा दिया, सोसाइटी में बकायदा गलत मैसेज दे रहे हैं कि पॉलीगेमी ठीक है, हो जाता है, इतना ही है तो विदेश जाकर बस जाओ। हमारे कल्चर में ये चीज होना सही है?’

विशाल पांडे (Vishal Pandey) के सपोर्ट में उतरीं अंजलि अरोड़ा

अंजलि अरोड़ा (Anjali Arora) केवल यही नहीं रुकीं, उन्होंने आगे कहा, ‘ऊपर से विशाल पांडे ने ऐसा क्या गलत बोल दिया? भाभी अच्छी लगती है… इसमें गलत क्या है? ना कोई चीप कमेंट मारे ना ही कोई बदतमीजी करी। तुम्हारी तरह अरमान उसने 7 दिन में पटाकर शादी के लिए प्रपोज थोड़ी कर दिया और हिंसा को हम कभी सपोर्ट नहीं करेंगे। तुम करो तो फीलिंग्स आ गई, किसी और ने अपनी फीलिंग्स एक्सप्रेस की तो उसे थप्पड़ पड़ गया, क्यों? तुम पहले भी गलत थे अरमान और अब भी गलत हो।’ अंजलि अरोड़ा के इस पोस्ट पर लोग खूब कमेंट कर रहे हैं और अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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