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Bigg Boss 18: अविनाश के हाथ में गर्दन आते ही छटपटाए Karanveer, ‘बिग बॉस’ को दिखाया एटीट्यूड | Bollywood Life हिंदी

बॉलीवुड एक्टर सलमान खान (Salman Khan) का विवादित रिएलिटी शो ‘बिग बॉस 18’ (Bigg Boss 18) तेजी से आगे बढ़ रहा है. शो में अविनाश मिश्रा, करणवीर मेहरा और विवियन डीसेना जैसे सितारे लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींच रहे हैं. हाल ही में चाहत पांडे ने अविनाश मिश्रा पर पानी फेंककर सनसनी मचा दी थी. हाल ये हो गया कि चाहत पांडे और अविनाश मिश्रा की लड़ाई चप्पल तक जा पहुंची. इसी बीच अविनाश मिश्रा का एक बार फिर से झगड़ा हो गया है. इस बार बिग बॉस की वजह से अविनाश मिश्रा ने करणवीर मेहरा से पंगा लिया है. इस बात का सबूत बिग बॉस 18 का लेटेस्ट प्रोमो है.

सलमान खान के शो के नए प्रोमो में बिग बॉस अविनाश मिश्रा को पावर देते नजर आ रहे हैं. बिग बॉस घरवालों को बताएंगे कि राशन लेने के लिए घरवालों को अपने सामान की कुर्बानी देनी होगी. घरवालों की ये कुर्बानी अविनाश मिश्रा के इशारे पर होगी. ये बात सुनते ही करणवीर मेहरा भड़कने वाले हैं. बिग बॉस 18 के प्रोमो में अविनाश मिश्रा के सामने करणवीर मेहरा कह रहे हैं कि वो अपना नाखून भी उनको नहीं देंगे.

करणवीर मेहरा ने अविनाश मिश्रा को घमंडी तक बता दिया. करणवीर मेहरा के बाद अविनाश मिश्रा ने ईशा सिंह पर निशाना साधा. बिग बॉस 18 के एक और प्रोमो में ईशा सिंह अपनी मां के शॉल को सैक्रीफाइज करती नजर आ रही हैं. शॉल को जलाने से पहले ईशा सिंह बताएंगी कि मां उनके कितने करीब हैं. इस दौरान ईशा सिंह जमकर आंसू बहाएंगी. ईशा सिंह को रोते देखकर अविनाश मिश्रा का दिल भी पिघलने वाला है. ईशा के साथ साथ अविनाश मिश्रा भी रोने लगेंगे. हालांकि अविनाश मिश्रा ये टास्क पूरा करके ही दम लेंगे. ऐसा करके अविनाश मिश्रा खुद को जेल से बाहर भी निकाल पाएंगे. इस काम में अरफीन खान भी अविनाश मिश्रा की मदद करने वाले हैं. ऐसी ही एंटरटेनमेंट (Entertainment News) की लेटेस्ट खबरों के लिए बॉलीवुडलाइफ के साथ बने रहिए.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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