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ओपनिंग डे पर इतना कलेक्शन करेगी ‘बैड न्यूज’? ट्रेड एनालिस्ट ने बता दिया आंकड़ा

विक्की कौशल, तृप्ति डिमरी और एमी विर्क की फिल्म ‘बैड न्यूज’ जब से अनाउंस हुई तब से चर्चा में बनी हुई है। फिल्म के एक-एक पोस्टर से लेकर गाने और ट्रेलर फैंस का ध्यान खींच रहे हैं। फिल्म ‘बैड न्यूज’ के सिनेमाघरों में रिलीज होने का लोग इंतजार कर रहे हैं। विक्की कौशल, तृप्ति डिमरी और एमी विर्क की फिल्म का बज तो काफी बना हुआ है लेकिन देखने वाली बात होगी ये बॉक्स ऑफिस पर कैसी कमाई करने वाली है। इसी बीच फिल्म ट्रेड एनालिस्ट ने बताया है कि फिल्म ‘बैड न्यूज’ ओपनिंग डे पर कैसा कलेक्शन करने वाली है। आइए जानते है कि फिल्म ‘बैड न्यूज’ पहले दिन कितनी कमाई करने वाली है।

फिल्म ‘बैड न्यूज’ ओपनिंग डे पर करेगी इतना कलेक्शन

फिल्म ट्रेड एनालिस्ट सुमित काडेल ने विक्की कौशल, तृप्ति डिमरी और एमी विर्क की फिल्म ‘बैड न्यूज’ के कलेक्शन पर बात की है। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से एक पोस्ट शेयर कर बताया है कि ये फिल्म में पहले दिन डबल डिजिट में ओपनिंग करने की क्षमता है। फिल्म का ट्रेलर काफी पसंद किया गया और इसके बाद गाना ‘तौबा तौबा’ काफी पॉपुलर हुआ। फिल्म भारत में 10 करोड़ रुपये की ओपनिंग कर सकती है। इस तरह से विक्की कौशल, तृप्ति डिमरी और एमी विर्क की फिल्म ‘बैड न्यूज’ के लिए अच्छे संकेत मिलने लगे हैं। फिलहाल, फिल्म को देखने के लिए लोग बेसब्र हो रहे हैं।

फिल्म ‘बैड न्यूज’ की कहानी

आनंद तिवारी के डायरेक्शन में बनने वाली फिल्म ‘बैड न्यूज’ में विक्की कौशल, तृप्ति डिमरी और एमी विर्क भी महत्वपूर्ण भूमिका में हैं। फिल्म ‘बैड न्यूज’ 19 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। फिल्म ‘बैड न्यूज’ में दिखाया जाएगा कि एक महिला के होने वाले बच्चे के दो बाप हैं और इसके ही आसपास कहानी रहने वाली है। बताते चलें कि फिल्म ‘बैड न्यूज’ का नया गाना ‘जानम’ रिलीज कर दिया गया है। इस गाने में विक्की कौशल और तृप्ति डिमरी के सिजलिंग अंदाज फैंस को खूब पसंद आ रहा है।

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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