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हुर्रे..सस्ते हुए आईफोन, एप्पल ने एक झटके में घटाए हजारों रुपये, प्रो-मॉडल के दाम भी कम

Iphone New Prices: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 23 जुलाई को पेश किए बजट में मोबाइल फोन और चार्जर सस्ते करने का ऐलान किया था. ग्राहकों को इसका फायदा देने वाली पहली कंपनी एप्पल बन गई है. कंपनी ने अपने लोकप्रिय आईफोन की पूरी सीरीज के दाम पर पर 3 से 4 फीसदी की कटौती करने का ऐलान कर दिया है. एप्पल ने यह फैसला मोबाइल फोन पर कस्टम्स ड्यूटी को 20 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी करने के बाद लिया है.

आईफोन 13, 14 और 15 का रेट 300 रुपये गिरा 

एप्पल (Apple) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इसके चलते प्रो और प्रो मैक्स जैसे महंगे फोन भी 5100 रुपये से 6000 रुपये तक सस्ते हो गए हैं. इसके अलावा मेड इन इंडिया आईफोन (iPhone) 13, 14 और 15 के रेट में भी लगभग 300 रुपये की कटौती हुई है. इसके साथ ही आईफोन एसई (iPhone SE) की कीमत भी 2300 रुपये कम हो गई है. एप्पल ने पहली बार अपने प्रो मॉडल की कीमतें घटाई हैं.  

पहली बार एप्पल ने घटाए प्रो मॉडल के रेट 

एप्पल ने वित्त मंत्री द्वारा बजट में दी गई राहत का फायदा तुरंत कस्टमर तक पहुंचा दिया है. इससे एप्पल की नीतियों में भी बदलाव दिखाई दे रहा है. अभी तक वह नए मॉडल के लॉन्च के साथ ही पुराने प्रो मॉडल बंद कर देती थी. सिर्फ कुछ डीलर्स ही स्टॉक को क्लियर करने के लिए अपनी तरफ से इन मॉडल पर डिस्काउंट देते थे. मगर, इस बार कंपनी ने ही इनके रेट घटाए हैं. प्रो मॉडल की एमआरपी हमेशा वही रहती थी. 

अब ये हो गए सभी आईफोन मॉडल के दाम 

  • आईफोन एसई (iPhone SE) – 47600 रुपये 
  • आईफोन 13 (iPhone 13) – 59,600 रुपये 
  • आईफोन 14 (iPhone 14) – 69,600 रुपये 
  • आईफोन 14 प्लस (iPhone 14 Plus) – 79,600 रुपये 
  • आईफोन 15 (iPhone 15) – 79,600 रुपये 
  • आईफोन 15 प्लस (iPhone 15 Plus) – 89,600 रुपये 
  • आईफोन 15 प्रो (iPhone 15 Pro) – 1,29,800 रुपये 
  • आईफोन 15 प्रो मैक्स (iPhone 15 Pro Max) – 1,54,000 रुपये

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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