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TV Shows Spoilers: ‘अनुपमा’ में डिंपी जाएगी जेल? ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में टूट जाएगी अरमान-रूही की शादी

टीवी सीरियल्स के लिए लोगों में लंबे समय से क्रेज देखा जा रहा है, फुल ऑफ़ ड्रामा एंड एंटरटेनमेंट से भरी सीरियल ऑडियंस को देखना काफी पसंद आता है। और अपने मन पसंदीदा शोज अपडेट लेना कभी नहीं भूलते, उनके मन पसंदीदा शो में कब क्या होगा वो हर चीज जानना चाहते है। तो आज राजन शाही के टॉप सीरियल्स अनुपमा और यह रिश्ता क्या कहलाता है मैं आपको काफी कुछ देखने मिलेगा। सीरियल अनुपमा में आपको आज के एपिसोड में आपको देखने को मिलेगा की कैसे एक दूसरे से बेइंतेहा प्यार करने वाले अनुज अनुपमा एक दूसरे से अपने दिल की बात नहीं कह पा रहे, दुसरो की ख़ुशी के लिए इतना प्यार करने के बाद भी दोनों अलग अलग रह रहे। तो वही इसके साथ आज के एपिसोड में आपको यह भी देखने मिलेगा की शाह हॉउस में संगीत का प्रोग्राम चल रहा होगा जहा नाच गाने से ज्यादा हंगामे देखने मिलेंगे। आपको बता दे इस सीरियल के अपकमिंग एपिसोड्स में कई सच बाहर आने वाले हैं। तो वही यह रिश्ता क्या कहलाता है में आज के एपिसोड में आपको देखने को मिलेगा कि कैसे अरमान रूही से बीच मंडप में शादी के लिए मना कर देता है। और सबके सामने यह कहता है की वह अभिरा से प्यार करता है, उसके बाद मनीष गोयनका का गुस्सा अरमान पर फूट जाता है और वह इससे खूब सुनाता है। तो वहीं दूसरी तरफ आज के एपिसोड में आपको यह भी देखने को मिलेगा की अभिरा शहर छोड़ कर जा ही रही होती है की माधव उसे मैसेज कर के मिलने बुलाता है। और इससे पहले की वह अभीर को सच बता पाए की उसका और अरमान का तलाक नहीं हुआ है, उससे पहले ही अभिरा वहां पर बेहोश हो जाती है। इस सीरियल में अब यह देखना होगा की अरमान अभिरा से अपने दिल की बात कब कहता है। अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें ।

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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