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Anupama में होगी Shivangi Joshi की एंट्री, जल्द होगा Rupali Ganguly का पत्ता साफ? | Bollywood Life हिंदी

टीवी सीरियल अनुपमा (Anupama) इन दिनों लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। एक के बाद एक टीवी सितारे अनुपमा को अलविदा कह रहे हैं। इसी बीच खबर आई थी कि सीरियल अनुपमा में जल्द ही जनरेशन लीप आने वाला है। सीरियल अनुपमा को अगले महीने करीब 10 साल लंबा लीप आने वाला है। लीप के बाद सीरियल अनुपमा की कहानी को पूरी तरह से बदल दिया जाएगा। जहां एक तरफ सीरियल अनुपमा को कई सितारे अलविदा कहेंगे। वहीं कुछ नए सितारे सीरियल अनुपमा की टीम को ज्वाइन करने वाले हैं। इसी बीच सीरियल अनुपमा को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है। खबर है कि सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है और बालिका वधु 2 जैसे शो में काम कर चुकी अदाकारा शिवांगी जोशी (Shivangi Joshi) सीरियल अनुपमा का हिस्सा बनने वाली हैं।

रिपोर्ट्स की मानें तो सीरियल अनुपमा के मेकर्स ने शिवांगी जोशी को शो में मेन लीड रोल निभाने के लिए अप्रोच किया है। 10 साल लंबे लीप के बाद शिवांगी जोशी ही अनुपमा की कहानी को आगे बढ़ाएंगी। ऐसे में फैंस कायास लगा रहे हैं कि शिवांगी जोशी अनुपमा में आध्या का रोल निभाने वाली हैं। हालांकि अब तक भी मेकर्स ने इस खबर पर कोई बयान नहीं दिया है।

बता दें लीप के बाद भी सीरियल अनुपमा से रुपाली गांगुली का पत्ता साफ नहीं होगा। शिवांगी जोशी के साथ साथ रुपाली गांगुली और गौरव खन्ना भी सीरियल अनुपमा का हिस्सा बने रहेंगे। लीप आने के बाद भी फैंस सीरियल अनुपमा में रुपाली गांगुली को देख सकेंगे। इस खबर ने शिवांगी जोशी के फैंस के बीच खलबली मचा दी है। शिवांगी जोशी लंबे समय से टीवी से गायब चल रही हैं। ऐसे में शिवांगी जोशी के फैंस काफी समय से उनकी वापसी का इंतजार कर रहे थे। अनुपमा में शिवांगी जोशी की एंट्री का खबर ने फैंस के उत्साह को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया है। अब अनुपमा में शिवांगी जोशी की एंट्री कब होगी ये आने वाला समय ही बताएगा। एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री और टीवी न्यूज की पल पल की अपडेट जानने के लिए बने रहे बॉलीवुडलाइफ के साथ।

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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