बॉलीवुड और मनोरंजन

Anupama: काव्या के जाने से खुश हैं Rupali Ganguly? जमाने के सामने कसा Madalsha Sharma को तंज | Bollywood Life हिंदी

सीरियल अनुपमा (Anupama) के सेट पर इन दिनों काफी गहमागहमी का माहौल है। कुछ समय पहले ही सुशांधु पांडे ने सीरियल अनुपमा को छोड़ने का ऐलान किया था। जिसके बाद खबर आई थी कि मदालसा शर्मा ने भी सीरियल अनुपमा को अलविदा कह दिया है। रिपोर्ट्स की मानें तो सीरियल अनुपमा को छोड़ने के बाद मदालसा शर्मा (Madalsha Sharma) बिग बॉस 18 में नजर आने वाली हैं। अब तक भी सीरियल अनुपमा की इस अदाकारा ने इस खबर पर मुहर नहीं लगाई है। हालांकि मदालसा शर्मा के जाने के बाद उनकी कोस्टार रुपाली गांगुली (Rupali Ganguly) ने कुछ ऐसा कर दिया है जिसकी वजह से सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया है।

कुछ समय पहले ही रुपाली गांगुली ने एक पोस्ट अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी शेयर की है। इस स्टोरी के जरिए रुपाली गांगुली ने दबी जबान में ताना मारा है। अब रुपाली गांगुली की एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। रुपाली गांगुली ने लिखा, ‘जिंदगी किसी पैराडॉक्स से कम नहीं है। खुद को संभालने से पहले आपको टूटना होगा। शांति पाने के लिए पहले आपको जंग लड़नी होगी। जिंदगी में चाहे कुछ भी हो अफसोस नहीं करना चाहिए। जिंदगी में बैलेंस का होना बहुत जरूरी है। आप कभी भी अंधेरे में नहीं भटकोगे।’

आपको जानकर हैरानी होगी कि सुधांशु पांडे के जाने के अगले दिन भी रुपाली गांगुली ने यही पोस्ट शेयर की थी। अब मदासला शर्मा के जाने की खबर सामने आने के बाद भी रुपाली गांगुली ने ये पोस्ट रीपिट की है। यही वजह है जो रुपाली गांगुली की ये पोस्ट लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींच रही है। लोगों को लग रहा है कि रुपाली गांगुली मदालसा शर्मा को ताना मार रही हैं। अब ये तो हर कोई जानता है कि रुपाली गांगुली की मदालसा शर्मा से जरा भी नहीं बनती थी। माना जाता है कि सेट पर रुपाली गांगुली और मदालसा शर्मा के बीच खास बातचीत भी नहीं थी। एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री और टीवी न्यूज की पल पल की अपडेट जानने के लिए बने रहे बॉलीवुडलाइफ के साथ।

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button