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बारिश में उमस कर रही है परेशान? ऐसे इस्तेमाल करेंगे AC तो घर बन जाएगा शिमला

AC Efficiency in Monsoon: भारत में इन दिनों बरसात का मौसम चल रहा है. बारिश में गर्मी से राहत तो मिलती है लेकिन उमस भी बहुत ज्यादा परेशान करती है. इस मौसम में उमस और चिपचिपापन सारा मूड खराब कर देता है. ऐसे में एसी का इस्तेमाल करना हमारे लिए जरूरी हो जाता है.

बारिश के मौसम में एसी की परफॉर्मेंस बरकरार रखने के लिए आपको कुछ चीजों का खयाल रखना बेहद जरूरी है. यहां हम आपको कुछ ऐसे तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं जो एसी की एफिशिएंसी बढ़ाने में मदद करेंगे. 

नमी पर करें कंट्रोल 

आप बरसात के मौसम में एसी को गर्मियों वाले टेंपरेंचर में इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. ऐसा करना आपके एसी के लिए नुकसानदायक हो सकता है. बरसात के मौसम में जरूरी है कि आप एसी को ड्राई मोड पर चलाएं. इससे एसी की सूखी हवा से कमरे के अंदर की नमी खत्म हो जाएगी और कमरा बढ़िया तरीके से ठंडा होगा. क्योंकि बारिश के मौसम में गर्मी इतनी ज्यादा नहीं लगती तो ऐसे में आप दिन में तीन-चार घंटे ऐसी चला सकते हैं. ड्राई मोड में एसी चलाने से नमी और चिपचिपा होना बंद हो जाता है. 

कितने टेंपरेंचर पर करें इस्तेमाल?

बारिश के मौसम में बहुत गर्मी नहीं होती है. इसलिए आपके लिए जरूरी है कि आप एसी पर ज्यादा प्रेशर ना डालें. यानी आपको कम तापमान पर एसी नहीं चलाना चाहिए. एसी का नार्मल टेंपरेचर 24 डिग्री सेल्सियस होता है. इस टेंपरेचर पर एसी चलाएंगे तो एसी पर ज्यादा प्रेशर नहीं पड़ेगा और आपकी बिजली खपत भी कम होगी. इसीलिए बरसात के मौसम में 24 डिग्री पर एसी चलाना एकदम सही रहता है. 

बिजली सप्लाई पर करें कंट्रोल 

बारिश के मौसम में अक्सर बिजली कटौती होती रहती है. ऐसे में इसका असर एसी पर भी पड़ता है. इससे बचने का सबसे सही तरीका यही है कि आप स्टेबलाइजर का यूज करें. कम वोल्टेज की हालत में एक स्टेबलाइजर ही है जो एसी को गलत तरह से प्रभावित नहीं होने देता है. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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