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सिंघम अगेन में सलमान की एंट्री कन्फर्म! ‘चुलबुल पांडे’ देंगे अजय देवगन का साथ

Salman Khan in Singham Again Confirmed: ‘बिग बॉस 18’ आज से शुरू होने वाला है. शो को सलमान खान होस्ट कर रहे हैं. इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आई है कि सलमान खान दीवाली के मौके पर एक खास तोहफा अपने फैंस को देने वाले हैं. दरअसल सलमान खान रोहित शेट्टी की फिल्म ‘सिंघम अगेन’ में ‘चुलबुल पांडे’ के तौर पर नजर आने वाले हैं.

सिंघम अगेन में सलमान की एंट्री

जी हां, दीवाली में सलमान खान धूम-धड़ाका करते हुए कॉप यूनिवर्स के पुलिस वालों के साथ दुश्मनों से दो-दो हाथ करते नजर आने वाले हैं. बॉलीवुड हंगामा ने अपने एक सोर्स के हवाले से बताया है, ”सिंघम अगेन में पहले से ही कई बड़े स्टार्स नजर आने वाले हैं. और अब इसमें बॉलीवुड के दबंग अपने दबंग अवतार में नजर आने वाले हैं. सलमान खान चुलबुल पांडे के तौर पर फिल्म का हिस्सा बनेंगे. फिल्म में एक खास जगह पर उनका अपीयरेंस होगा.”

वहीं टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा है कि सलमान खान ने फिल्म की शूटिंग नहीं की है. लेकिन चुलबुल पांडे के तौर पर शूट के लिए तैयार हो गए हैं. याद दिला दें कि एक बार रिएलिटी शो के दौरान रोहित शेट्टी ने सलमान खान से इस बारे में पूछा था तो उन्होंने जवाब में कहा था कि मैं एक बार कमिटमेंट कर दूं तो उसे पूरा करता हूं.


सिंघम अगेन बन सकती है साल की सबसे बड़ी फिल्म
बता दें कि सिंघम अगेन रोहित शेट्टी के कॉप यूनिवर्स का हिस्सा है. अजय देवगन स्टारर इस फिल्म में करीना कपूर, दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह, अक्षय कुमार, टाइगर श्रॉफ और अर्जुन कपूर जैसे कई बड़े स्टार्स हैं. ऐसे में सलमान खान की एंट्री भर से फिल्म की कमाई नया मुकाम हासिल कर सकती है.

इस यूनिवर्स की सिंघम सीरीज के अलावा सूर्यवंशी और सिंबा जैसी फिल्मों की टोटल कमाई जोड़ें तो वो 1000 करोड़ से ज्यादा बैठती है. ऐसे में ये भी हो सकता है कि ये फिल्म अकेले भी इस आंकड़े तक पहुंच जाए. फिल्म के नॉन थिएट्रिकल राइट्स पहले ही 200 करोड़ में बिक चुके हैं.

और पढ़ें: Salman Khan के लिए बनाया पहला गाना और आखिरी भी, फिर हमेशा के लिए टूट गई साजिद-वाजिद की जोड़ी

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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