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रिलीज से पहले ही ‘सिंघम अगेन’ से पिछड़ी कार्तिक आर्यन की ‘भूल भुलैया 3’, यहां जानें डिटेल्स

Singham Again Beats Bhool Bhulaiyaa 3: इस दिवाली बॉक्स ऑफिस पर अजय देवगन और कार्तिक आर्यन आमने-सामने होंगे. दोनों की फिल्मों के मोस़् अवेटेड सीक्वल्स एक साथ थिएटर्स में दस्तक देने जा रहे हैं. जहां अजय देवगन की ‘सिंघम अगेन’ 1 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होगी तो वहीं कार्तिक आर्यन की ‘भूल भुलैया 3’ भी पर्दे पर इसी दिन आ रही है. अभी फिल्मों की रिलीज में वक्त है और इससे पहले ही अजय देवगन की फिल्म ने ‘भूल भुलैया 3’ को पछाड़ दिया है. 

हिंदुस्तान टाइम्स की एक खबर की मानें तो ‘भूल भुलैया 3’ नॉन-थिएट्रिकल डील में ‘सिंघम अगेन’ से पिछड़ गई है. पहले खबर आई थी कि ‘सिंघम अगेन’ को नॉन-थिएट्रिकल डील में 200 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई हुई है. वहीं अब ‘भूल भुलैया 3’ की थिएट्रिकल डील की कमाई भी सामने आ गई है जो कि अजय देवगन की एक्शन-थ्रिलर फिल्म से काफी कम है.


कैसे ‘सिंघम अगेन’ से पीछे रह गई ‘भूल भुलैया 3’?
रिपोर्ट के मुताबिक मेकर्स ने ‘भूल भुलैया 3’ की नॉन-थिएट्रिकल डील में 135 करोड़ रुपए कमाए हैं. हालांकि ये कार्तिक आर्यन के अब तक के करियर में साइन होने वाली सबसे महंगी डील है जिसमें फिल्म के डिजिटल राइट्स के साथ-साथ म्यूजिक और सैटेलाइट राइट्स भी शामिल हैं. लेकिन नॉन-थिएट्रिकल डील में ‘भूल भुलैया 3’ अजय देवगन स्टारर फिल्म ‘सिंघम अगेन’ से पीछे रह गई है.

‘भूल भुलैया 3’ की स्टार कास्ट
कार्तिक आर्यन आखिरी बार फिल्म ‘चंदू चैंपियन’ में नजर आए थे जो 14 जून, 2024 को रिलीज हुई थी. अब वे अपनी हॉरर-कॉमेडी फिल्म ‘भूल भुलैया 3’ की रिलीज के लिए तैयार है. फिल्म में उनके साथ तृप्ति डिमरी और विद्या बालन समेट कई कलाकार नजर आएंगे.

‘सिंघम अगेन’ की स्टार कास्ट
‘सिंघम अगेन’ की बात करें तो रोहित शेट्टी के डायरेक्शन वाली इस फिल्म में अजय देवगन लीड रोल में हैं. इसके अलावा करीना कपूर, रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण, टाइगर श्रॉफ और अर्जुन कपूर भी फिल्म का हिस्सा हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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