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Bigg Boss 18: स्टार बनने से पहले ही Urfi Javed की बहन Asfi ने मारी ऑफर को लात, मेकर्स को दिखाए नखरे | Bollywood Life हिंदी

‘बिग बॉस 18’ (Bigg Boss 18) अब जल्द ही फैंस के बीच दस्तक देने वाला है. इस वीकेंड को सलमान खान बिग बॉस के नए सीजन के साथ बड़ा धमाका करने वाले हैं. ऐसे में टीवी सितारों का नाम अब ‘बिग बॉस 18’ से जोड़ा जाने लगा है. बीते कुछ समय में कई टीवी सितारों का नाम ‘बिग बॉस 18’ के लिए सामने आ चुका है. कुछ सितारे ऐसे हैं जो क ‘बिग बॉस 18’ के मेकर्स से बात कर रहे हैं वहीं कुछ सितारों ने तो इस शो में जाने से ही इनकार कर दिया है. इस लिस्ट में अब एक नाम और जुड़ चुका है. यहां हम बात कर रहे हैं सोशल मीडिया संसेशन उर्फी जावेद की बहन की… जिन्होंने ‘बिग बॉस 18’ के मेकर्स को ठेंगा दिखा दिया है.

रिपोर्ट्स की मानें तो ‘बिग बॉस 18’ के मेकर्स ने उर्फी जावेद की बहन असफी को आगामी सीजन के लिए अप्रोच किया था. असफी ने बिना देर किए ‘बिग बॉस 18’ के ऑफर को ठोकर मार दी है. असफी ने सोशल मीडिया पर इस खबर की पुष्टि की है. असफी ने बताया है कि उनको ‘बिग बॉस 18’ का ऑफर दिया गया था. हालांकि बात न बन पाने की वजह से असफी ने ‘बिग बॉस 18’ में जाने से साफ इनकार कर दिया.

गौरतलब है कि उर्फी जावेद के बाद अब उनकी बहन असफी जावेद मनोरंजन जगत की दुनिया में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रही हैं. असफी जावेद अक्सर सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करती रहती हैं. उर्फी जावेद की तरह असफी जावेद भी काफी स्टाइलिश हैं. यही वजह है जो समय समय पर असफी जावेद सोशल मीडिया पर धमाल मचाती रहती हैं. बिग बॉस 18 को मना करके असफी जावेद ने फैंस को चौंका दिया है. लोग अब भी असफी जावेद के टीवी डेब्यू का इंतजार कर रहे हैं. एंटरटेनमेंट (Entertainment News) की खबरें जानने के लिए पढ़ते रहिए बॉलीवुड लाइफ…

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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