बॉलीवुड और मनोरंजन

‘सिंघम अगेन’ में ‘दबंग’ चुलबुल पांडे की एंट्री की खबर निकली झूठी, जानें पूरा सच

Singham Again Update: सोशल मीडिया पर नेटिजंस के बीच ये खबर तेजी से फैल रही थी कि इस साल की मोस्ट अवेटेड फिल्मों में एक ‘सिंघम अगेन’ में सलमान खान का कैमियो होगा. इतना ही नहीं खबर ये भी थी कि सलमान इसमें ‘दबंग’ वाले ‘चुलबुल पांडे’ बनकर आएंगे लेकिन इस खबर को पूरी तरह से झूठ बताया गया है. सलमान खान का ‘सिंघम अगेन’ में कोई कैमियो नहीं होने वाला है तो ये खबर पूरी तरह से झूठी है.

अजय देवगन स्टारर फिल्म ‘सिंघम अगेन’ में अक्षय कुमार और रणवीर सिंह का कैमियो तो पक्का है लेकिन सलमान खान का नहीं. इस खबर से फैंस को थोड़ी निराशा हो सकती है लेकिन खुशखबरी ये है कि इसी साल आने वाली वरुण धवन की एक फिल्म में सलमान खान का कैमियो होगा.

‘सिंघम अगेन’ में सलमान खान का नहीं होगा कैमियो

रोहित शेट्टी की फिल्म ‘सिंघम अगेन’ में सलमान खान नहीं होंगे, इस बात की पुष्टि ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने कर दी है. X हैंडल पर तरन आदर्श ने लिखा, ‘चुलबुल पांडे सिंघम अगेन? झूठी खबर. ऐसा लगता है कि अफवाहें तेजी से हर तरफ फैल जाती हैं….ये सिर्फ अफवाह है कि सलमान खान का आइकॉनिक किरदार चुलबुल पांडे सिंघम अगेन में कैमियो करता नजर आएगा.’

इसके साथ ही तरन आदर्श ने ये भी लिखा, ‘डियर भाई फैंस, सलमान खान का कैमियो वरुण धवन की फिल्म बेबी जॉन में होगा और पूरी फिल्म में भाईजान को देखना है तो ईद 2025 का इंतजार कीजिए.’ बता दें, वरुण धवन की फिल्म बेबी जॉन इसी साल दिसंबर में रिलीज होगी जिसमें कैमियो की खबर तरण आदर्श ने पक्की की है.

कब रिलीज होगी ‘सिंघम अगेन’?

रोहित शेट्टी के निर्देशन में बन रही फिल्म सिंघम अगेन इसी साल दिवाली पर रिलीज होगी. फिल्म में अजय देवगन लीड रोल में हैं, इनके अलावा दीपिका पादुकोण, करीना कपूर, टाइगर श्रॉफ, जैकी श्रॉफ, अक्षय कुमार और रणवीर सिंह जैसे कलाकार भी नजर आएंगे. फिल्म को लेकर रोहित शेट्टी ने कहा था कि एक सरप्राइज कैमियो दिखेगा तो लोगों ने इसका मतलब सलमान खान समझ लिया और सोशल मीडिया पर ये अफवाह उड़ गई. 

यह भी पढ़ें: कभी घर-घर जाकर बर्तन धोने का पाउडर बेचा करता था ये स्टार, फिर ऐसे बना ‘बैड मैन’

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button