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Salman Khan के पिता Salim Khan को बिश्नोई गैंग से फिर मिली धमकी, बुर्के में महिला बोली- ‘लॉरेंस को भेजूं क्या’

Salim Khan Gets Threats From Bishnoi Gang: बॉलीवुड एक्टर सलमान खान (Salman Khan) के पिता सलीम खान (Salim Khan) को एक बार फिर बिश्ननोई गैंग ने धमकी दी है। बता दें कि कुछ महीने पहले गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की गैंग ने सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग की थी। इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया। इस घटना के बाद सलमान की सिक्योरिटी को टाइट कर दिया गया था। वहीं इससे पहले सलमान खान के परिवार को कई धमकी भरे लेटर मिल चुके हैं। अब एक बार फिर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) ने सलमान के पिता सलीम खान को डराने की कोशिश की है। रिपोर्ट्स की मानें तो यह घटना 18 सिंतबर की है। Also Read – Today Entertainment News: जाह्नवी ने शिखर संग तिरुपति बालाजी में किए दर्शन, सलीम -जावेद की ‘यंग एंग्री मैन’ का ट्रेलर आउट

मॉर्निंग वॉक के दौरान सलीम खान (Salim Khan) को मिली धमकी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबकि सलमान खान (Salman Khan) के पिता सलीम खान के साथ यह घटना तब घटी, जब वह सुबह मॉर्निंग वॉक कर रहे थे। वॉक के दौरान जब वह बेंच पर बैठकर रिलेक्स करने लगे तो उस समय गैलेक्सी की ओर से बैंडस्टैंड की तरह स्कूटी पर एक कपल जा रहा था। स्कूटी एक आदमी चला रहा था तो वहीं पीछे एक महिला बुर्का पहने बैठी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक स्कूटी ने यू-टर्न लिया और सलीम खान के पास आकर कहा कि लॉरेंस बिश्नोई को भेजूं क्या? इसके बाद स्कूटी सवार दोनों लोग तेजी से फरार हो गए। इस घटना से सलीम खान बहुत डर गए थे। स्कूटी का नंबर 7444 बताया जा रहा है। इस घटना की रिपोर्ट सलीम खान ने तुरंत पुलिस में दर्ज करवाई और पुलिस फिलहाल उस स्कूटी सवार युवक की तलाश कर रही है। Also Read – ‘वो रिलेशनशिप में तो…’, सलीम खान ने खोल दिया सलमान खान के 58 साल में भी सिंगल होने का राज

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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