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खराब नेटवर्क से मिलेगा छुटकारा, अब BSNL के 4G सिम में भी चलेगा 5G, जानें डिटेल्स

BSNL 5G: देश में प्राइवेट टेलिकॉम कंपनियों से लोगों का धीरे-धीरे मोह भंग हो रहा है. ऐसे में ग्राहक बीएसएनएल की ओर जा रहे हैं. वहीं सरकारी टेलिकॉम कंपनी बीएसएनएल देश में तेजी से अपने 4G सर्विस को लॉन्च करने जा रही है. इसी बीच कंपनी ने देश में करीब 15 हजार नए टावरों को भी लगवाया है. वहीं 4जी के साथ ही कंपनी 5G सर्विस पर भी काम कर रही है. आपको बता दें कि बीएसएनएल की तरफ से अब 4G और 5G यूजर्स के लिए एक नया USIM लॉन्च किया जा रहा है. इस नए सिम में लोगों 4जी सिम पर ही 5जी की भी सर्विस मिलेगी.

क्या होता है USIM?

आपको बता दें कि USIM (यूनिवर्सल सब्सक्राइबर्स आइडेंटिटी मॉड्यूल) में एक छोटी सी चिप लगी होती है जो इसे नॉर्मल सिम कार्ड से अलग बनाती है. वहीं इस चिप वाले सिम कार्ड में यूजर्स की सारी जानकारी स्टोर की जाती है. हालांकि ये सिम दिखने में नॉर्मल सिम कार्ड जैसा ही होता है लेकिन इस सिम कार्ड को ज्यादा सुरक्षित माना जाता है. साथ ही इस सिम का अथेंटिकेशन और वैलिडेशन भी काफी आसान होता है. इसीलिए इसी यू-सिम को BSNL द्वारा 4G और 5G यूजर्स के पेश किया जा रहा है. इस नए सिम कार्ड से लोगों को काफी फायदा होगा. इससे अब लोगों को BSNL के 4G सिम में ही 5G की सर्विस मिलने लगेगी.

जल्द शुरू होगी BSNL 4G सर्विस

जानकारी के मुताबिक मार्च 2025 तक बीएसएनएल की 4G सर्विस को देशभर में रोलआउट किया जा सकता है. वहीं आने वाले करीब 6 महीनों में देशभर में बीएसएनएल के 4G सर्विस को शुरू किया जा सकता है. इसके अलावा कंपनी का लक्ष्य है कि 2025 साल के अंत तक BSNL 5G सर्विस को भी रोलआउट किया जा सकता है. ऐसे में कंपनी देश में सस्ते इंटरनेट प्लान्स के साथ ही सस्ती कॉलिंग सुविधा भी प्रदान कर सकती है. इससे बीएसएनएल देश में ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपनी पकड़ को मजबूत कर सकती है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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