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सपना चौधरी के फोटोशूट को देख ट्रोल्स ने उड़ाई खिल्ली, कहा, ‘बुढ़ापा आ गया मैडम’ | Bollywood Life हिंदी

Sapna Choudhary Trolled: इंटरनेट पर हरियाणा की जानी-मानी डांसर सपना चौधरी की पॉपुलैरिटी देखते ही बनती है। बिग बॉस का हिस्सा बनने के बाद सपना चौधरी की पॉपुलैरिटी में और बढ़ोत्तरी हुई और आए दिन उनके वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर जबरदस्त तरीके से वायरल भी होती हैं। कभी लोग सपना की तारीफ करते नहीं थकते हैं। तो वहीं कुछ लोग उन्हें खूब ट्रोल भी करते हैं। हाल ही में हरियाणवी डांसर ने सोशल मीडिया पर अपने नए फोटोशूट की झलक दिखाई थी। इन तस्वीरों में सपना चौधरी बेहद की खूबसूरत लगी हैं। हालांकि ट्रोल करने वालों ने तो उन्हें बुढ़ी का टैग दे डाला है।

सपना चौधरी को लोगों ने किया ट्रोल

सामने आई तस्वीरों में सपना चौधरी ने क्रीम और गोल्डन कलर की बनारसी साड़ी पहनी हुई है। इन तस्वीरों में सपना बेहद ही एलीगेंट दिख रही हैं। वहीं मैचिंग ज्वैलरी से उनके इस एथनिक लुक में जैसे चार चांद लग चुके हैं। सपना चौधरी ने एक साथ कुछ 6 तस्वीरें शेयर की हैं। इन तस्वीरों को अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम हैंडल पर शेयर करते हुए सपना चौधरी ने कैप्शन में लिखा है, ‘थिक सारी, थिन पेशेंस।’ बता दें कि सपना चौधरी की इन तस्वीरों को अब तक 98 हजार से भी ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं।

इस पोस्ट को शेयर करना सपना चौधरी को भारी पड़ गया है। लोगों ने सपना चौधरी को सोशल मीडिया पर ट्रोल कर दिया है। लोग सपना चौधरी को बुड्ढी बता रहे हैं। हेटर्स कह रहे हैं कि सपना चौधरी की अब उम्र हो चुकी है और उनमें अब पहले जैसी बात नहीं रहे। अब एंटरटेनमेंट के गलियारे में बात हो रही है कि क्या सच में सपना चौधरी का चार्म धीरे धीरे खत्म हो रहा है।

एक जमाना था जब सपना चौधरी ने अपनी एक आवाज से बिग बॉस के घर को हिलाकर रख दिया था। वही सपना चौधरी आज लोगों के निशाने पर है। ऐसी ही और टीवी न्यूज (TV News) और एंटरटेनमेंट की खबर के लिए पढ़ते रहिए बॉलीवुड लाइफ…।

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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