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गलती से भी डाउनलोड ना करना Telegram पर ये फाइल, हैकर्स इस तरह बना रहे आपको शिकार

Big Alert for Telegram Users: अगर आप भी मैसेजिंग प्लेटफॉर्म टेलीग्राम ऐप का इस्तेमाल करते हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है. दरअसल, इस ऐप में एक बड़ी खामी का पता चला है जिससे हैकर्स खतरनाक फाइल्स आपके पास भेज सकते हैं. ये फाइल्स वीडियोज की तरह दिखती हैं, लेकिन असल में यह मालवेयर है जो कि आपके लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है.

इसको लेकर ESET रिसर्चर्स ने बड़ा खुलासा किया है जिसमें कहा गया है कि यूजर्स को तुरंत कुछ जरूरी कदम उठाने चाहिए और ऐप अपडेट कर लेना चाहिए. 

बेहद खतरनाक है ये फाइल डाउनलोड करना

साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर्स के मुताबिक, हैकर्स EvilVideo नाम के मैलवेयर का इस्तेमाल कर रहे है और 30 सेकेंड की वीडियो के रूप में एक खतरनाक फाइल भेजते हैं. ये फाइल्स टेलीग्राम पर ग्रुप या प्राइवेट चैट पर सेंड की जा रही हैं. इतना ही नहीं ज्यादा खतरनाक तो यह है कि अगर किसी के पास ऑटोमैटिक डाउनलोड ऑन है तो फाइल चैट खोलते ही फाइल डाउनलोड हो जाएगी. 

भूलकर भी ना करें ये गलती

जब यूजर इस फाइल को ओपन करता है तो टेलीग्राम पर दिखता है कि ये वीडियो नहीं चल पा रही है. लेकिन इसे किसी और दूसरे ऐप से प्ले किया जा सकता है. अगर आप दूसरे ऐप में वीडियो चलाने के लिए Allow करते हैं तो वह हानिकारक ऐप इंस्टॉल कर लेता है.

यही वो ऐप होगा जो आपके लिए बिन बुलाए खतरे की दावत ले आएगा. आप आसानी से हैकर्स के जाल में फंस सकते हैं, जिसके बाद वो आपके डाटा को चुराने के साथ ही कई तरीकों से आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं. अगर आपने टेलीग्राम का लेटेस्ट वर्जन अपडेट नहीं किया है तो तुरंत इसे कर लें और किसी भी अनजान सोर्स से कोई ऐप भूलकर भी डाउनलोड ना करें. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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