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अनंत-राधिका की आशीर्वाद सेरेमनी: रजनीकांत ने छुए अमिताभ बच्चन के पैर तो…

Anant Ambani-Radhika Merchant Aashirwad Ceremony: अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट 12 जुलाई को शादी के बंधन में बंध गए. उनकी शादी के वीडियोज और फोटोज खूब वायरल हो रहे हैं. शादी के बाद के फंक्शन अभी तक जारी हैं. 13 जुलाई को आशीर्वाद सेरेमनी रखी गई. इस सेरेमनी में तमाम दिग्गजों ने शिरकत की. पीएम नरेंद्र मोदी भी उन्हें आशीर्वाद देने के लिए पहुंचे.

आशीर्वाद सेरेमनी में अमिताभ बच्चन भी अपनी फैमिली के साथ नजर आए. फंक्शन में अमिताभ और रजनीकांत के बेशकीमती मोमेंट कैप्चर हुए. उनका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल है. 


रजनीकांत ने छुए अमिताभ के पैर
अमिताभ बच्चन और रजनीकांत हमेशा से ही स्पेशल बॉन्ड शेयर करते हैं. रजनीकांत अमिताभ की बहुत रिस्पेक्ट करते हैं. रजनीकांत जब अमिताभ से आशीर्वाद सेरेमनी में मिले तो उन्होंने सबसे पहले अमिताभ के पैर छुए. ये देखते ही अमिताभ ने उन्हें गले लगाया. दोनों ने फिर हाथ मिलाते हुए कुछ देर तक बातचीत की. अमिताभ और रजनीकांत की इस बॉन्डिंग को फैंस काफी पसंद कर रहे हैं.

इस सेरेमनी में जहां रजनीकांत व्हाइट शर्ट और वेष्टी में दिखे. उन्होंने अपने लुक को बेहद सिंपल रखा. वहीं अमिताभ बच्चन प्रिंटेड कुर्ता में नजर आए.

अनंत और राधिका की शादी की बात करें तो ये काफी ग्रैंड लेवल पर हुईं. उनके प्रीवेडिंग फंक्शन जामनगर से शुरू हुए थे. जामनगर में मार्च में फंक्शन हुए थे. इसके बाद लग्जरी क्रूज पर सेलिब्रेशन हुआ. फिर मुंबई में प्रीवेडिंग फंक्शन मामेरू इवेंट के साथ शुरू हुए और ग्रह शांति पूजा, संगीत, मेहंदी, हल्दी, शिव शक्ति पूजा, गरबा नाइट जैसे इवेंट भी हुए. उनकी शादी चर्चा में बनी है. शादी के बाद 13 तारीख को आशीर्वाद सेरेमनी रखी गई और अब 14 जुलाई को जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में ग्रैंड रिसेप्शन होस्ट किया जाएगा.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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