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सलमान खान की मम्मी की पहली पसंद थी ये टीवी एक्ट्रेस, सुपरस्टार ने खुद किया था खुलासा

Salman Khan mother Salma Khan: बॉलीवुड के मोस्ट बैचलर एक्टर सलमान खान 59 साल के हो चुके हैं. उम्र के इस पड़ाव पर सलमान खान आज भी अकेले हैं. सलमान खान की लाइफ में कई लड़कियां आईं लेकिन उनकी शादी किसी से नहीं हुई. सलमान ने खुद इस बात को स्वीकार किया था कि उनकी कई गर्लफ्रेंड रहीं लेकिन शादी की बात किसी से बन नहीं पाई.

सलमान खान की गर्लफ्रेंड में ऐश्वर्या राय, कैटरीना कैफ, संगीता बिजलानी जैसे कई नाम शामिल हैं लेकिन सभी ने किसी दूसरी जगह शादी की. सलमान ने एक रिएलिटी शो में बताया था कि उनकी मां को एक जमाने में एक टीवी एक्ट्रेस बहुत पसंद थीं.

सलमान खान की मां को कौन सी टीवी एक्ट्रेस थी पसंद?

सलमान खान की मां का नाम सलमा खान है जो शायद ही लाइमलाइट का हिस्सा बनना पसंद करती हैं. सलमान खान अपनी मां के बेहद करीब हैं और उनकी हर बात मानते भी हैं. बिग बॉस के सीजन 7 में सनाया ईरानी आई थीं और जब ग्रैंड प्रीमियर हुआ था तब एक्ट्रेस सनाया ईरानी भी बतौर कंटेस्टेंट आईं. उस दौरान सलमान ने सनाया से पूछा कि आपने कुछ पॉपुलर शोज किए हैं क्या?


इसपर सनाया ने ‘हां’ में जवाब दिया. इसके बाद सलमान खान ने कहा था, ‘मेरी मॉम आपकी बहुत बड़ी फैन हैं. वो आपको पसंद करती हैं और उन्होंने मजाक में कहा था कि मेरा बस चले तो इसे बहू बना लूं..’ सनाया सलमान की इस बात पर शरमा गई थीं और हंसने लगीं. हालांकि, ये सारी बातें हंसी-मजाक में निकल गई.

कौन हैं सनाया ईरानी?

40 वर्षीय सनाया ईरानी टीवी की पॉपुलर एक्ट्रेस हैं. सनाया को आपने ‘मिले जब हम तुम’, ‘इस प्यार को क्या नाम दूं’, ‘रंगरसिया’, ‘घोस्ट’ जैसे टीवी शोज में देख चुके हैं. सनाया ‘झलक दिखला जा’ जैसे रिएलिटी शो में नजर आ चुकी हैं. सनाया ने साल 2006 में आई फिल्म फना में भी काम किया है. साल 2016 में सनाया ने अपने को-स्टार मोहित सहगल से शादी कर ली थी.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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