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Free Fire Max: जून 2024 के Booyah Pass में क्या इनाम मिलेगा? यहां जानें पूरी डिटेल्स

Free Fire Max: फ्री फायर मैक्स खेलने वाले गेमर्स के लिए इस गेम में आने वाले इवेंट्स का काफी बेसब्री से इंतजार रहता है. इस गेम के गेमर्स को हर महीने बूयाह पास का भी बेसब्री से इंतजार रहता है. आइए हम आपको अपने इस आर्टिकल में जून 2024 के बूयाह पास के बारे में बताते हैं. 

इसे सीज़न के बयाह पास को सीज़न 18 भी कहा जा रहा है. यह एक खास, आकर्षक और खूबसूरत दिखने वाले बर्फीली थीम के साथ आता है. गेमर्स को इस सीज़न के बूयाह पास से एक नहीं बल्कि अनेक खास रिवॉर्ड्स भी मिलने वाले हैं.

इस महीने के बूयाह पास की खास बातें

  • लेवल 1: डस्कब्रेकर बंडल
  • लेवल 20: पिकअप ट्रक – एयरब्रेकर
  • लेवल 30: लूटबॉक्स – आइसब्रेकर
  • लेवल 50: थॉम्पसन – डेब्रेकर
  • लेवल 70: बैकपैक – स्टोनब्रेकर
  • लेवल 90: ग्लू वॉल – ब्लिट्ज ब्रेकर
  • लेवल 100: डॉनब्रेकर बंडल

कीमत और विकल्प: Booyah पास के दो वर्ज़न मौजूद हैं. पहले वर्ज़न का नाम प्रीमियम और दूसरे वर्ज़न का नाम प्रीमियम प्लस है. प्रीमियम वर्ज़न की कीमत 399 डायमंड्स है, जबकि प्रीमियम प्लस वर्ज़न की कीमत 899 डायमंड्स है। प्रीमियम प्लस विकल्प चुनने पर गेमर्स को 50 बीपी लेवल्स का बूस्ट तुरंत यानी तत्काल प्रभाव के साथ मिलता है और कुछ एक्सक्लूसिव रिवॉर्ड्स भी मिलते हैं.

जून के बूयाह पास की तारीख

जून 2024 का बूयाह पास 1 जून 2024 से खरीदने के लिए उपलब्ध होगा और पूरे महीने तक उपलब्ध रहेगा. इस बूयाह पास के साथ, गेमर्स को न केवल गेम में अपनी मौजूदगी को शानदार बनाने का मौका मिलता है, बल्कि वे अपने गेमिंग एक्सपीरियंस को भी बढ़ा सकते हैं, इसलिए, फ्री फायर मैक्स के फैन्स के लिए यह एक बेहतरीन मौका है. इस इवेंट के जरिए गेमर्स न सिर्फ खास रिवॉर्ड्स को मुफ्त में पा सकते हैं, बल्कि अपने गेमिंग एक्सपीरियंस में भी चार चांद लगा सकते हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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